बांग्लादेश : टूटा सब्र, अत्याचार से त्रस्त हजारों हिंदुओं ने निकाली रैली
हजारों अल्पसंख्यक हिंदुओं ने शुक्रवार को हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ रोष जताया। उन्होंने रैली निकालकर अंतरिम सरकार से रक्षा की अपील की और कहा कि हिंदू समुदाय के नेताओं के खिलाफ देशद्रोह के मामले हटाए जाएं। 19 हिंदू नेताओं के खिलाफ बुधवार को राजद्रोह का आरोप दर्ज किए जाने के बाद चट्टोग्राम में प्रदर्शन आयोजित किया गया था।
शनिवार को ढाका में एक और हिंदू रैली की योजना है। लगभग 30,000 हिंदुओं ने दक्षिणपूर्वी शहर चट्टोग्राम के एक प्रमुख चौराहे पर प्रदर्शन किया। देश में अन्य जगहों पर भी विरोध प्रदर्शन हुए। देश के प्रभावशाली अल्पसंख्यक समूह बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल ने कहा है कि चार अगस्त से अब तक हिंदुओं पर 2,000 से अधिक हमले हो चुके हैं।
शेख हसीना की पार्टी के सहयोगी दल के दफ्तर में प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के सहयोगी दल के ढाका स्थित केंद्रीय कार्यालय में गुरुवार रात आग लगा दी गई। हमले में जातीय पार्टी का कार्यालय आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। हुसैन मुहम्मद इरशाद द्वारा स्थापित जातीय पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के नेतृत्व वाले ग्रैंड अलायंस का हिस्सा थी।
वहीं, राजनीतिक गोनो औधिकार परिषद के नेता शकीलुज्जमां ने कहा कि हमारा जुलूस जातीय पार्टी कार्यालय के बाहर से गुजर रहा था, तभी उसके कार्यालय की छत से उनपर ईंटें फेंकी गईं। उन्होंने खुद ही अपने कार्यालय में आग लगा दी और फरार हो गए। इसे लेकर जातीय पार्टी की ओर से अबतक कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल हैरान करने वाले : पाकिस्तान
इस्लामाबाद में बीजिंग के राजदूत की ओर से आर्थिक गलियारा परियोजनाओं पर काम कर रहे अपने नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाए जाने पर पाकिस्तान ने आपत्ति दर्ज की है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बयान हैरान करने वाला है। यह दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे राजनयिक मानदंडों से हटकर है। उन्होंने चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ बैठक के दौरान इसे लेकर अवगत कराया गया था।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की अगले सप्ताह होने वाली चीन यात्रा में सुरक्षा चिंताओं पर भी मुख्य फोकस रहने की उम्मीद है। अक्टूबर की शुरुआत में कराची हवाई अड्डे के पास एक आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी और दस अन्य घायल हो गए थे। वहीं, मार्च में भी चीनी कर्मचारियों को निशाना बनाया गया था। इसमें पांच चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी।