जम्मू-कश्मीर में सरकार की शक्तियों में कटौती का उमर अब्दुल्ला का आरोप खारिज

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही गठित होने वाली सरकार या मुख्यमंत्री की शक्तियों में कटौती करने का प्रयास किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि इस बात में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री की उस टिप्पणी के बाद यह कड़ा बयान जारी किया है जिसमें उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश के नौकरशाहों से कहा था कि वे आगामी निर्वाचित सरकार को ‘और अधिक कमजोर’ करने के किसी भी दबाव का विरोध करें।

उमर अब्दुल्ला के सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट का जवाब देते हुए शाह के कार्यालय ने कहा, “उमर अब्दुल्ला का ट्वीट भ्रामक और अटकलों से भरा है। इसमें जरा सी भी सच्चाई नहीं है क्योंकि ऐसा कोई प्रस्ताव ही नहीं है।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, “भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में हार को स्पष्ट रूप से स्वीकार कर लिया है। अन्यथा मुख्य सचिव को सरकार के संचालन नियमों में परिवर्तन कर मुख्यमंत्री/निर्वाचित सरकार की शक्तियों में कटौती कर उसे उपराज्यपाल को सौंपने का काम क्यों सौंपा गया?”

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