बीकानेर: केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरुगन ने राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का किया शुभारंभ
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के आबू रोड स्थित मुख्यालय शांतिवन के आनंद सरोवर परिसर में आयोजित राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन और मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने किया। मीडिया विंग द्वारा स्वस्थ एवं सुखी समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण- मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए देशभर से एक हजार से अधिक प्रिंट, इलेक्ट्रानिक, रेडियो और बेव जर्नलिज्म से जुड़े पत्रकार, संपादक, ब्यूरो चीफ, रेडियो जॉकी, फ्रीलांसर पत्रकार और मीडिया प्रोफेसर पहुंचे हैं।
शुभारंभ पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरुगन ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान है, आज एक अच्छी न्यूज उतनी तेजी से वायरल नहीं होती है, जितनी की एक गलत, फेंक न्यूज़ वायरल हो जाती है। पत्रकार पहले खबरों की सत्यता की जांच कर लें, उसके बाद ही प्रकाशित करें। अच्छी खबरों को बढ़ावा देने से ही स्वस्थ और सुखी समाज का निर्माण होगा, आज समाज में यदि नकारात्मक माहौल बन रहा है, तो हमें चिंतन करने की जरूरत है कि हम समाज में क्या भेज रहे हैं। मूल्यनिष्ठ समाज के निर्माण के लिए हमें जीवन में मूल्यों का समावेश करना होगा।
पत्रकार निजी जीवन में अध्यात्म को अपनाएं- केंद्रीय मंत्री
उन्होंने कहा कि एक पत्रकार का मौलिक अधिकार है कि वह आध्यात्मिकता से जुड़े। मीडियाकर्मी अपने निजी जीवन में अध्यात्म को अपनाएं। एक पत्रकार गलत न्यूज़ से देश का माहौल बिगाड़ सकता है, इसलिए पत्रकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। सूचना देने के लिए मीडिया सबसे शक्तिशाली साधन है, जो दुनिया को खेल और संस्कृति आदि की जानकारी देता है। यह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। मीडिया हिमालय से लेकर रेगिस्तान में जाकर सूचनाएं जुटाता है। ब्रह्माकुमारीज़ विश्व शांति के लिए कार्य कर रही है । केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरुगन ने कहा कि विश्व शांति के लिए ब्रह्माकुमारीज़ संस्था कार्य कर रही है, मैं पहली बार ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्यालय आया हूं। मीडिया अपने उद्देश्य से भटक गया है ।
डॉ. कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विद्यालय रायपुर के पूर्व कुलपति डॉ. मान सिंह परमार ने कहा कि जब देश आजाद नहीं हुआ था, तो मीडिया के सामने एक लक्ष्य, एक ध्येय, एक उद्देश्य था, लेकिन जब देश आजाद हो गया तो मीडिया के सामने एक चुनौती थी कि अब किस दिशा में आगे बढ़ा जाए, लेकिन आज व्यापारवाद के दौर में मीडिया अपने उद्देश्य से भटक गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जो किसी भी रीति से समाज के लिए ठीक नहीं है। सोशल मीडिया ने हमें आजादी जरूर दी है, लेकिन ऐसा लगता है कि कहीं सोशल मीडिया भस्मासुर न बन जाए। प्रेस काउंसिल बने वर्षों हो गए, लेकिन आज तक हम एक आदर्श आचार संहिता लागू नहीं कर पाए हैं।
नई दिल्ली दैनिक जागरण के एक्जीक्यूटिव एडिटर विष्णु प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि हम राष्ट्र और राष्ट्रीयता के स्तंभ हैं। हम सत्यनिष्ठ लोग हैं। लोकतंत्र में संरक्षण की जरूरत है, लेकिन यदि मीडिया को नियंत्रीकरण किया जाएगा, तो वह अपना अस्तित्व खो देगा। भारत का पत्रकार आध्यात्मिक ही होगा।
दिल्ली के पीआईबी के पूर्व प्रिंसिपल डीजी कुलदीप सिंह ने कहा कि कई बार हम पत्रकारों को अपने सिद्धांतों के साथ समझौता करना पड़ता है, लेकिन हमें अपने मूल्यों को कायम रखना होगा। अश्लील सामग्री मुक्त मीडिया बनाना होगा
आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि हम सभी पत्रकारों को अभियान चलाना चाहिए कि अश्लील सामग्री मुक्त समाज बने। हमें अश्लील कंटेंट को प्रचारित और प्रसारित करना बंद करना होगा। एक-एक व्यक्ति सूचना का राजदूत है। ब्रह्माकुमारीज़ समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए कार्य कर रही है, ये ब्रह्माकुमार भाई-बहनें त्याग की मूर्ति हैं। दुनिया के बेहतर अखबारों को टक्कर देने वाले अखबार आज हमारे देश में निकल रहे हैं। आज मीडिया का भारतीयकरण करने की जरूरत है। आज हम जिस मीडिया की तर्ज पर कार्य कर रहें हैं, वह पाश्चात्य मीडिया की शैली है। हमारे यहां तो लोक मंगल की भावना को लेकर कार्य करने की परंपरा रही है। हमें संवाद की परंपरा की ओर फिर से बढ़ने की जरूरत है।