सागर की ऐतिहासिक विरासत लाखा बंजारा झील में पहली बार 1,100 दीपों से हुई गंगा आरती
सागर शहर की धरोहर ऐतिहासिक विरासत लाखा बंजारा झील को साफ-सुथरा और सुरक्षित रखने के संदेश के साथ तथा इस कार्य में नगर निगम के साथ नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने और इनकी देखभाल करने पर्यावरण के प्रति नागरिक जागरुक हो तथा अपने आसपास के वातावरण, हवा, पानी को स्वच्छ बनाना अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाएं। इसके लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम, और जल गंगा संवर्धन अभियान जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जागरुकता के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी उद्देश्य को लेकर सागर नगर की ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील उसके तट पर बसे प्राचीन और आस्था के केंद्र मंदिरों के संरक्षण और साफ-सुथरा बनाने के लिए नागरिकों को जागरुक करने के लिए बड़े शहरों की भांति पहली बार सागर में सोमवार को चकरा घाट पर गंगा आरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
श्री बैकुंठ धाम मंदिर परिसर में शंख झालर और जय मां गंगे के नारों के साथ गंगा आरती की शुरुआत हुई, जिसके गवाह शहर के हजारों की संख्या में उपस्थित नागरिक बने और सागर के इतिहास में पहली बार शुरू की गई इस नई परंपरा का लोगों ने उत्साह पूर्व स्वागत किया।
आरती का शुभारंभ 11 पंडितों द्वारा चकराघाट पर बड़ी आरती से किया गया तो आरती के साथ-साथ मंदिरों के शंख झूला और डमरूदल, अखाड़े, दलदल घोडी, बरेदी नृत्य दल की आवाज से पूरा क्षेत्र गूंजायमान हो गया। मंदिरों पर की गई रंग बिरंगी रोशनी से पूरा क्षेत्र जगमग हो गया। इस दौरान ऐसा लगा मानो, मां गंगा स्वयं इस नई शुरुआत का स्वागत कर रही हों और इस दौरान नागरिकों में भी खुशी का माहौल देखा गया। क्योंकि उन्होंने पहली बार अपनी ऐतिहासिक धरोहर और आस्था के केंद्र को सुरक्षित रखने के लिए शुरू की गई इस पहल से नागरिकों को इस क्षेत्र के इतिहास के बारे में जानने की लालसा जगी तथा उन्हें स्वच्छता का महत्व समझ आया।
मां गंगा आरती का शुभारंभ मध्य प्रदेश शासन के नागरिक खाद्य आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सांसद लता वानखेड़े, विधायक शैलेंद्र जैन, निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, कलेक्टर संदीप जीआर, पुलिस अधीक्षक विवेक सहवाल, नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री, नगर निगम के पार्षद गण जनप्रतिनिधियों एवं बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं एवं नागरिकों की उपस्थिति में किया गया।
इस आयोजन में उपस्थित हुए नेताओं तथा अधिकारियों ने नागरिकों से आग्रह किया कि सागर झील हमारी विरासत है। शासन-प्रशासन ने इसे स्वच्छ एवं सुंदर बनाया है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि सागर झील को जो हमारी पहचान है, उसे स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। आज नई परंपरा की शुरुआत गंगा आरती के रूप में चकराघाट पर हुई है। अब प्रत्येक सोमवार को गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा, जो लोग अपने पूर्वजों की स्मृति में गंगा आरती करना चाहते हैं उन्हें पंजीयन कराना होगा।