एसएमएस जा रहे हैं तो हो जाइए सावधान… प्रशासन की अनदेखी से खुद बीमार हुआ अस्पताल
अस्पताल में जहां मरीज बड़ी उम्मीदें लेकर आता है, खुद ही अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के चलते निरंतर हादसों का अड्डा बनता जा रहा है। आज ही अस्पताल की मोर्चरी में डॉक्टर्स के कमरे में लगे एसी में आग लग गई। अस्पताल प्रशासन की अनदेखी का ही परिणाम है कि एक के बाद एक हादसे होने के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान दिखाई नहीं दे रहे हैं।
कुछ ही दिन पहले न्यूरो आईसीयू की छत पर लगी फॉल सीलिंग गिर गई थी, जिसके बाद उसे उपयोग के लिए बंद कर दिया गया था। मंगलवार को जर्नल सर्जरी विभाग के ओटी नंबर 2 की फॉल सीलिंग गिर गई और आज बुधवार को अस्पताल के मोर्चरी में डॉक्टर्स कमरे में आग लगने की घटना एसएमएस की व्यवस्थाओं पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर रही है। बताया गया है कि मोर्चरी में जो एसी लगे हैं आग उनके कारण लगी थी, जबकि हकीकत में अस्पताल के अधिकतर एसी खराब स्थिति में हैं। जिस एसी में आज आग लगी है, वो दो दिन पहले धुआं मार रहा था।
एसएमएस अस्पताल प्रशासन इनको लेकर गंभीर नजर नहीं आता है। हादसा होने के बाद उस जगह को बंद कर दिया जाता है लेकिन उसमें सुधार का कोई ठोस समाधान नहीं निकाला जाता।
आपको बता दें कि एसएमएस अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है यह अस्पताल देश देश के चुनिंदा अस्पतालों में शामिल होता है इस अस्पताल में रोज के 10000 से ज्यादा मरीज आउटडोर में और वही लगभग इतने ही मरीज इंडोर में उपस्थित रहते हैं एसएमएस अस्पताल की बात की जाए तो एसएमएस में रोज के 50000 से ज्यादा लोगों का फुट फाल रहता है, इस परिस्थिति में एसएमएस अस्पताल में होने वाले निरंतर हादसे किसी बड़ी अनहोनी का कारण बन सकते हैं परंतु प्रशासन की उदासीनता के चलते घटनाएं हो रही हैं पर इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बल्कि मोर्चरी के इंचार्ज डॉ आरके वर्मा का कहना है कि छोटी सी आग लगी थी आग पर काबू पा लिया है।