दिल्ली का ये अस्पताल बदहाल: सीटी स्कैन खराब… पैट स्कैंन की फैकल्टी नहीं

दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान में इलाज करवाने आ रहे कैंसर मरीजों को जांच के लिए भटकना पड़ रहा है। अस्पताल में रोजाना 50 से अधिक नए मरीज आते हैं। इनमें कैंसर की पहचान के लिए शुरुआत में सिटी स्कैन किया जाता है। लेकिन अस्पताल में मौजूद सिटी स्कैन मशीन लंबे समय से खराब है। ऐसे में जांच के लिए मरीज को दूसरे विभाग में भेजा जाता है। 

इसके अलावा अस्पताल में पहले से इलाज करवा रहे मरीजों को पैट स्कैंन करवाने की जरूरत होती है। लेकिन अस्पताल में इस मशीन को चलाने के लिए फैकल्टी ही मौजूद नहीं है। फैकल्टी के अभाव में इस मशीन पर पैट स्कैंन की जांच नहीं हो पा रही है। 

मरीजों का कहना है कि कैंसर की जांच के लिए इन दोनों मशीनों की जरूरत होती है। लेकिन मशीन के अभाव में मरीजों को जांच के लिए दूसरे अस्पताल या सेंटरों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। कई मरीज परेशान होकर कैंसर के इलाज के लिए एम्स या सफदरजंग का रुख करने को मजबूर हो जाते हैं। दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में मौजूद सिटी स्कैन मशीन खराब है। इस जांच के लिए मरीज को पैट स्कैंन मशीन पर भेजा जाता है। 

मौजूदा समय में पैट स्कैंन मशीन की मदद से सिटी स्कैन की जा रही है। वहीं पैट स्कैंन मशीन को चलाने के लिए अस्पताल में फैकल्टी नहीं हैं। ऐसी स्थिति में पैट स्कैंन के लिए दिल्ली के मरीजों को दिल्ली आरोग्य कोष की मदद ने दूसरे केंद्रों में जांच के लिए भेजा जाता है। जबकि दिल्ली के बाहर के मरीजों के लिए फिलहाल कोई सुविधा नहीं है। 

पश्चिमी दिल्ली के मरीज भी पूर्वी सेंटर पर निर्भर 
पश्चिमी दिल्ली में स्थित दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान के मरीज भी रेडिएशन सहित दूसरे जांच के लिए पूर्वी दिल्ली स्थित केंद्र पर निर्भर हैं।

पूर्वी दिल्ली का सबसे बड़ा अस्पताल 
दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान पूर्वी दिल्ली में कैंसर मरीजों के लिए सबसे बड़ा अस्पताल है। इस अस्पताल की ओपीडी में रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं। इन मरीजों को कीमोथेरेपी व दूसरे माध्यम से इलाज दिया जाता है। इलाज के लिए कैंसर की स्थिति जानने के लिए पैट स्कैंन किया जाता है। हालांकि अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। 

दवाओं के लिए भी परेशान हो रहे मरीज 
मरीजों की माने तो अस्पताल में पॅरासिटेमॉल जैसी सामान्य दवाओं के लिए भी मरीज को परेशान होना पड़ता है। इसके अलावा दूसरी कई दवाएं हैं जिसके लिए मरीज को लंबा इंतजार करना पड़ता है। वहीं प्रशासन का कहना है कि कुछ कारणों से दवाओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है। हालांकि समय-समय पर दवाओं की आपूर्ति को सामान्य करने का प्रयास किया जाता है।

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