एमपी: दो बच्चों की शूटर मां को हराना आसान नहीं, शादी के 9 साल बाद पिस्टल थामकर लगा रही सटीक निशाना

सपने पूरे करने की कोई उम्र नहीं होती… सागर की प्रतिभा सिंह इसे सही साबित करके दिखा रही हैं। प्रतिभा का बचपन का सपना था कि वे शूटिंग के क्षेत्र में नाम कमाएं। लेकिन, निजी कारणों के चलते उस समय यह नहीं कर पाईं। शादी हो गई और फिर दो बेटियों की मां भी बन गईं। लेकिन, सपने जिंदा रहे, इन्हीं सपने ने शादी के नौ साल बाद प्रतिभा की प्रतिभा निखारकर शूटर बनाया और अब ये नेशनल प्रतियोगिता में सटीक निशाना लगाकर अपना कमाल दिखाने के लिए तैयार हैं।

हम बात कर रहे हैं सागर की शूटर मॉम प्रतिभा सिंह की। प्रतिभा ने दो बेटियों की मां बनने के बाद अपने शूटिंग के सपने को साकार किया है। आर्मी मार्कमेन शिप यूनिट महू में 21 से 27 मई तक ओपन इंडिया नेशनल पिस्टल कंपटीशन का आयोजन किया गया था। जिसमें देश के सभी राज्यों से शूटिंग खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इसी प्रतियोगिता में प्रतिमा सिंह ने आल इंडिया NARI महिला वर्ग में 14th रैंक हासिल की थी। प्रतिभा का चयन राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए हो गया है।

प्रतिभा सिंह के पति डॉ. अजय सिंह बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उनकी एक बेटी 9 साल और दूसरी 5 साल की है। प्रतिभा तिलक गंज सागर स्थित डिस्ट्रिक्ट राइफल शूटिंग एकेडमी में ट्रेनिंग ले रही हैं।

बचपन का शौक था, शादी और बच्चों के बाद कर रहीं पूरा
प्रतिभा सिंह बताती हैं कि उनके घर पर बंदूक थी और दशहरे पर उन्हें चलाने का मौका मिलता था। बचपन से ही उनका सपना था कि शूटिंग की जाए। लेकिन, पिताजी सरकारी नौकरी में थे, उनके ट्रांसफर होते रहते थे, ऐसे में यह नहीं कर पाई। उन्होंने बताया कि 9 साल पहले मेरी शादी हुई और हम लोग सागर शिफ्ट हो गए। यहां पता चला कि सागर में शूटिंग अकादमी है, मैंने अपने पति को अपनी इच्छा के बारे में बताया तो उन्होंने तुरंत हां कर दी। साथ ही कहा कि जहां तक खेलना चाहती हो खेलो। इसके बाद मैंने राइफल्स शूटिंग अकादमी में हिस्सा लिया।

9वीं रैंक हासिल की थी
प्रतिभा ने बताया कि महू में हुए कंपटीशन में सिलेक्शन के पहले स्टेट चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। इस चैंपियनशिप में मैंने मध्य प्रदेश में 9वीं रैंक हासिल की थी। अभी ऑल इंडिया लेवल पर 14वीं रैंक आई है। इसके पहले भी मैंने कई कंपटीशन में हिस्सा लिया। किसी-किसी में हार भी मिली, लेकिन मैंने सोच लिया है कि पीछे नहीं हटूंगी। हर चुनौती का सामना करते हुए आगे बढ़ते रहेंगे।

समय की कमी सिर्फ एक बहाना
प्रतिभा कहती हैं कि कुछ करना है तो फिर समय की कमी कोई बहाना नहीं होना चाहिए। बहुत सारा समय ऐसा होता है जो हम सोने और टीवी देखने में बर्बाद कर देते हैं। अगर, हमें कोई काम करना है तो समय निकाला जा सकता है। मेरे शूटिंग शुरू करने से न तो बच्चे डिस्टर्ब हो रहे हैं और न ही परिवार में किसी तरह का तनाव पैदा हो रहा है। सभी के सहयोग से शूटिंग प्रैक्टिस बहुत अच्छी चल रही है। नेशनल प्रतियोगिता के लिए काफी मेहनत की जरूरत होती है, मेरा प्रयास है कि प्रैक्टिस का समय बढ़ाया जाए। प्रैक्टिस के साथ-साथ एकाग्रता के लिए ध्यान और योग को भी वक्त देना पड़ता है। क्योंकि, उसके बिना सफलता संभव नहीं है।

कोच बोले- कमाल दिखाएंगी
प्रतिभा सिंह के बारे में अकादमी के कोच डॉक्टर एजाज खान बताते हैं कि जब वह पहली बार अकादमी में आई तो उन्होंने सोचा कि यह कामकाजी महिला है। शौकिया तौर पर आना शुरू किया है। लेकिन, अब यह कहते हुए उन्हें खुशी और आश्चर्य है कि प्रतिभा न केवल नियमित अकादमी आ रही हैं, बल्कि तेजी से निशानेबाजी में अभ्यस्त भी हो रही हैं। वह राष्ट्रीय स्पर्धा में कमाल दिखाएंगी।

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