शहबाज शरीफ सरकार ने स्वीडन में कुरान के अपमान के खिलाफ देश भर में किया प्रदर्शन का ऐलान

पाकिस्तान में भले ही आर्थिक और राजनीतिक संकट की स्थिति है। सड़कों पर उपद्रव मचा है और खाने-पीने की चीजों की भी किल्लत है, लेकिन पाकिस्तान सरकार शायद इससे जनता ध्यान भटकाने की रणनीति पर काम कर रही है। इसी वजह से उसने स्वीडन में कुरान के अपमान के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन का ऐलान किया है। पाक सरकार ने शुक्रवार को यौम-ए-तकद्दुस-ए-कुरान नाम से देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसके अलावा संसद का सत्र भी एक दिन पहले ही बुला लिया जाएगा, जिसमें इस मसले पर चर्चा की जाएगी। 

इन प्रदर्शनों में सभी राजनीतिक दलों के लोग भाग लेंगे। इसके अलावा पीएम शहबाज शरीफ भी किसी एक जगह पर आयोजन में जाएंगे। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि वह 6 जुलाई को संसद का संयुक्त सत्र बुलाएगी। इस दौरान कुरान के अपमान को लेकर राष्ट्रीय नीति बनाने पर चर्चा होगी। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने अपनी पार्टी मुस्लिम लीग नवाज के कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे देश भर में आंदोलन का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि कुरान में सभी मुस्लिम की आस्था है और यह हमारी एकता का आधार है। 

इस्लामिक दुनिया का नेता क्यों बनना चाहता है पाक

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कुछ शरारती तत्व हैं, जो इस्लामोफोबिया से पीड़ित हैं और अकसर अपमान की कोशिश करते हैं। पीएम शहबाज शरीफ ने इस दौरान दुनिया भर के देशों से अपील की है कि वे इस घटना की निंदा करें। उन्होंने कहा कि शांति और सहअस्तित्व में यकीन रखने वाले देशों को इसके खिलाफ आगे आना चाहिए। नस्लवाद और इस्लामोफोबिया पर लगाम कसना जरूरी है। पाकिस्तान के अलावा तुर्की, सऊदी अरब, मोरक्को, इराक और ईरान जैसे देशों में भी कुरान के अपमान के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है। 

स्वीडन बोला- समझ सकते हैं कि मुस्लिमों को दुख हुआ होगा

इस बीच स्वीडन के विदेश मंत्रालय ने घटना पर दुख जताया है। उसने बयान जारी कर कहा कि हम समझते हैं कि स्टॉकहोम में एक प्रदर्शन के दौरान कुरान के अपमान से मुस्लिम समुदाय को दुख पहुंचा होगा। हम ऐसी हरकतों की निंदा करते हैं। स्वीडन सरकार ने कहा कि हम साफ करते हैं कि यह हमारा मत नहीं है और हम इसके खिलाफ हैं। इस मामले में इस्लामिक सहयोग संगठन ने एक मीटिंग बुलाकर ऐक्शन की मांग की है। लेकिन पाकिस्तान में आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच ऐसे आंदोलन में हिस्सा लेना ध्यान भटकाने की कोशिश जैसा है। 

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