हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपित की जमानत पर सुनवाई करते हुए जताया आश्चर्य..
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर एकल पीठ ने दुष्कर्म के आरोपित की जमानत पर सुनवाई करते हुए आश्चर्य जताया है। साथ ही कहा है कि ये कैसे संभव, जिसके साथ दुष्कर्म हो रहा है, वही उसका वीडियो बना रही है। कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता को आदेश दिया है कि केस के जांच अधिकारी को वीडियो सीडी के साथ बुलाया जाए। इसे कहीं भी बिना सेव किए पुलिस की निगरानी में देखें। सीडी देखने के बाद तय करें कि वास्तव में दुष्कर्म की घटना है या फिर सहमति से संबंध बनाया है।
जितेंद्र बघेल के खिलाफ 16 दिसंबर 2022 को एक महिला ने बिलौआ थाने में दुष्कर्म का केस दर्ज कराया। जितेंद्र बघेल का जमानत आवेदन जिला न्यायालय डबरा से खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की। बघेल की ओर से अधिवक्ता संगीता पचौरी ने तर्क दिया कि आरोपित ने अपनी जमीन बेची थी। जमीन के रुपये पीड़िता के पति को दे दिए थे। जब रुपये वापस वापस मांगे तो दुष्कर्म में फंसाने की धमकी दी। घटना के 36 दिन बाद पीड़िता ने शिकायत की। पीड़िता ने धारा 164 के तहत जो बयान दिए हैं, उसमें पीड़िता ने स्वीकार किया है कि उसने खुद वीडियो बनाया है। कोर्ट ने तथ्यों को देखने के बाद आदेश दिया कि वीडियो सीडी को महाधिवक्ता कार्यालय पेश किया जाए। शासकीय अधिवक्ता वीडियो सीडी बिना सेव किए देखें। कोर्ट को उससे अवगत कराएं कि संबंध सहमति से हैं या फिर जबरदस्ती। 15 फरवरी को याचिका की फिर से सुनवाई होगी।
विवाह स्थलों का पंजीयन नहीं कराया तो होगा अवैध घोषित
नगर निगम ने विवाह स्थल पंजीयन के नियम जारी कर सभी संचालकों को रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए हैं। यदि जरूरी दस्तावेजों के साथ पंजीयन नहीं कराया जाता है, तो नगर निगम इन विवाह स्थलों को अनाधिकृत घोषित करने की कार्रवाई करेगा। उपायुक्त राजस्व सुनील चौहान ने बताया कि शहर में संचालित 50 से अधिक व्यक्ति एकत्रित होने की क्षमता रखने वाले समस्त स्थल जैसे होटल, भूखंड, फार्म, सामुदायिक केंद्र, भवन, क्लब, बैंक्वेट हाल, धर्मशाला आदि के लिए उपयोग किए जाने वाले स्थल व भवनों के पंजीयन के लिए नगरीय निकायों को अधिकार प्रदान किए हैं।