मध्यप्रदेश में अब भी कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला है जारी

अरब सागर से लगातार आ रही नमी और मानसून ट्रफ के सतना से होकर गुजरने के कारण मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला जारी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस तरह की स्थिति अभी बनी रहने की संभावना है। उधर छह सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इसके प्रभाव से प्रदेश के अधिकांश जिलों में झमाझम बारिश का दौर शुरू होने के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अगले चौबीस घंटों में शहडोल, जबलपुर, भोपाल, होशंगाबाद एवं ग्‍वालियर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।

 मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी पीके साहा के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक खरगोन में 7.2, सागर में सात, बैतूल में 6.2, पचमढ़ी में तीन, सतना में 1.8, जबलपुर में 1.6, भोपाल (शहर) में 1.1 मिलीमीटर बारिश हुई। खजुराहो, रतलाम और शाजापुर में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में सौराष्ट्र के आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर राजस्थान तक एक द्रोणिका लाइन भी बनी हुई है। इससे अरब सागर की तरफ से लगातार नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। उधर बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इस सिस्टम के छह सितंबर को कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है। इस सिस्टम के प्रभाव से छह सितंबर से प्रदेश में अच्छी बारिश का सिलसिला शुरू होने की संभावना है। बारिश का दौर तीन-चार दिन तक बना रहने की भी उम्मीद है। बता दें कि इस सीजन में शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में कुल 729.8 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य (791.0 मिमी.) की तुलना में आठ फीसद कम है। उधर मध्य प्रदेश के 15 जिलों में भी सामान्य से 20 से लेकर 48 फीसद तक कम वर्षा हुई है।

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