उत्तराखंड: देहरादून समेत कई इलाकों आंधी और बिजली चमकने की संभावना, जारी किया येलो अलर्ट…

राजधानी में मौसम ने शुक्रवार को अजब तेवर दिखाए। दिन में चटख धूप के साथ उमस भरी गर्मी पड़ी, जिससे शहरवासी परेशान रहे। शाम ढलने पर भी गर्मी बरकरार रही, लेकिन रात गहराते ही हवाएं चलीं और गरज के साथ कई इलाकों में बारिश हुई। इससे तापमान गिरा और लोगों को राहत मिली। वहीं शनिवार की सुबह दून में फिर चटख धूप खिल आई है। 

मौसम विज्ञानियों ने शनिवार को राजधानी देहरादून समेत मैदानी क्षेत्रों में मौसम के बदले मिजाज के चलते आंधी के साथ बिजली कड़कने और बूंदाबांदी की संभावना जताई है। 

राजधानी और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री पहुंच गया। सुबह आठ बजे से ही गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू किया तो दोपहर तक लोग बेहाल हो गए। इस दौरान आर्द्रता भी 80 फीसदी रहने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थिति यह रही कि गर्मी से बेहाल लोगों को पंखे और कूलर से भी राहत नहीं मिली।

घर से बाहर निकलने वाला हर शख्स पसीना पोंछता नजर आया। बाजारों में खरीदारी को पहुंची महिलाओं को भी गर्मी के खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई लोगों ने बेचैनी महसूस की। 
चार जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी
मौसम विज्ञानियों ने अगले 24 घंटे में राजधानी देहरादून के साथ ही टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा जिले में तेज हवाओं के साथ आकाशीय बिजली और बारिश की संभावना जताई है। मौसम विज्ञानियों की ओर से इन जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।

विशेषज्ञों ने दी एहतियात बरतने की सलाह
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम के इस मिजाज में थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक व  वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केसी पंत का कहना है कि ऐसे हालात में शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।
 
अन्यथा डिहाइड्रेशन और डायरिया का खतरा बढ़ जाएगा। साथ ही मौसम के इस मिजाज में राजधानी की सड़कों पर खुले में बिक रहे सामानों को भी खाने-पीने से परहेज करना होगा। बकौल डॉ. पंत, मौसम के बदले मिजाज को देखते हुए ओआरएस घोल के साथ ही नींबू पानी अधिक से अधिक पीने में ही भलाई है।
आपदा के चलते 13 गांवों में पहुंचाया जुलाई का राशन
मानसून सत्र में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील लक्सर-खानपुर  के 16 गांवों में आपूर्ति विभाग की ओर से जुलाई का राशन भी सस्ते गल्ले की दुकानों पर भेज दिया गया है। इसका वितरण एक जुलाई से शुरू किया जाएगा। 

बरसात के मौसम में हर वर्ष गंगा में आने वाला बाढ़ का पानी क्षेत्र की कृषि भूमि पर फैलकर तबाही मचाता है। आबादी में भी बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। पिछले सप्ताह भारी बारिश के बाद डुमनपुरी, कलसिया, रामसहायवाला और हिम्मतपुर बेला गांवों की आबादी तक पानी पहुंच गया था। प्रशासन और अन्य विभाग बाढ़ को देखते हुए सतर्क हैं।

आपूर्ति विभाग की ओर से गंगा किनारे बसे गांवों में अभी से राशन पहुंचाया जा रहा है। सहायक खाद्य अधिकारी एमएस रावत ने बताया कि क्षेत्र के महाराजपुर खुर्द, रणजीतपुर रायघटी, नंदपुर, कुड़ी भगवानपुर, पंडितपुरी, गंगदासपुर, कलसिया, बालावाली, माडाबेला, चंद्रपुरी बांगर, दल्लावाला, जोगावाला, चंद्रपुरी खादर, मथाना गांव आपदा के लिहाज से अति संवेदनशील हैं।

आपदा की दृष्टि से इन गांवों में जुलाई का राशन भी राशन डीलरों की दुकान पर भिजवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि राशन सभी जगह पहुंच गया है। इसका वितरण जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू करा दिया जाएगा।

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