लंबी उम्र और ‘यौन संबंधों’ की आदत के बीच है गहरा नाता, शोध में अहम खुलासा
नई दिल्ली: यौन संबंधों को लेकर तमाम शोध हुए हैं। ताजा रिसर्च के मुताबिक लंबी उम्र और आपकी सेहत का नाता यौन संबंधों की आदत से जुड़ा है। अमूमन विज्ञान इसी तथ्य को तरजीह देता रहा है कि अच्छी दिनचर्या, बेहतर खानपान, एक्सरसाइज, योगा जैसी आदतों के बूते आप लंबा जीवन हासिल कर सकते हैं। इसी कड़ी में ताजा रिसर्च चौंकाने वाला है।
न्यू इंग्लैंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने शोध नतीजों में माना है कि स्वस्थ और निरंतर यौन संबंधों के कारण उम्र में इजाफा होता है। साथ ही बीमारियों का खतरा भी कम व शरीर की इम्यून सिस्टम भी बहतर होती है। नियंत्रित ब्लड प्रेशर के साथ ही दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
शोधकर्ताओं ने यौन संबंधों और दिल की बीमारियों का कनेक्शन निकाला है। स्टडी के दौरान 65 साल से कम उम्र के 1,120 पुरुषों और महिलाओं पर शोध की गई। इस शोध को बीते 22 सालों से जारी रखा गया, जिसके नतीजे अब जाकर मिले हैं। स्टडी में खुलासा हुआ है कि रोजाना सेक्स करने से दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। साथ ही बाकी खतरनाक बीमारियों से भी शख्स बचा रह सकता है।
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जिन लोगों के सक्रिय यौन संबंध कायम रहे, उनके हार्ट अटैक के बाद जिंदा बचने के चांसेस अधिक पाया गया। शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने एक हफ्ते में एक बार से अधिक यौन संबंध स्थापित किया था, उनके बचने के चांसेस 27 फीसदी थे, जबकि कभी कभार सेक्स करने वालों के जीने की संभावना महज 8 फीसदी देखी गई।
जाहिर है इसके पीछे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही काम करती है। जिसका सीधा मतलब निकाला गया कि एक्टिव व स्वस्थ यौन संबंधों रखने वाले बीमारियों से बेहतर लड़ पाते हैं। शोध में इस बात का भी ध्यान रखा गया कि मानक सिर्फ यौन संबंध स्थापित करना न हो, बल्कि पार्टनर के साथ मधुर संबंध स्थापित करना भी मायने रखता है।
शोध में निष्कर्ष निकाला गया कि हफ्ते में एक बार सेक्स करने से लंबी उम्र की संभावना 37 फीसदी तक बढ़ जाती है। इससे पहले ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी’ में भी इसी तरह के शोध परिणाम प्रकाशित हुए थे। अमेरिकी शोध में भी सामने आया था कि कम यौन क्रिया में संलिप्त लोगों के हार्ट अटैक के चांसेस काफी होते हैं।
साथ ही इन्हें ‘इरेक्टाइल डिसफंक्शन’ की परेशानी हो सकती है। शोध में इस बात का भी दावा किया गया कि जो लोग अधित रति क्रिया में लीन रहते हैं, वो बाकी कामों में भी उतने ही सक्रिय रह पाते हैं। नतीजतन उनकी क्षमता में इजाफा होता है, और वे स्वस्थ जीवन का लुत्फ उठा पाते हैं।