वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
विध्नहर्ता के बारे में कुछ खास रोचक बातें…
- भगवान गणेश को भगवान शिव और माता पार्वती की दूसरी संतान मानी जाती है।
- गणों के स्वामी होने के कारण ही इन्हें ‘गणपति’ कहते हैं।
- हाथी जैसा मुंह होने की वजह से इनका नाम ‘गजानन’ है।
- ज्योतिष शास्त्र में भगवान गणेश को ‘केतु का देव’ कहा जाता है।
- भारत में जो संप्रदाय केवल भगवान गणेश की पूजा करता है उन्हें ‘गाणपतेय संप्रदाय’ कहा जाता है, जो कि मुख्य रूप से महाराष्ट्र में पाये जाते हैं।
- इन्हें वरदान मिला है कि बिना इनकी पूजा के कोई भी पूजा और कोई भी कार्य पूरा नहीं होगा इसी कारण उन्हें ‘आदिपूज्य’ कहा जाता है।
- गणेश जी लंबी सूंड: गणेश जी लंबी हाथी जैसी सूंड महाबुद्धित्व का प्रतीक है।
- प्रणव (ॐ): शिवमानस शास्त्र में गणेश जी प्रणव (ॐ) कहा गया है। जिसमें ऊपर वाला भाग गणेश का मस्तक, नीचे का भाग उदर, चंद्रबिंदु लड्डू और मात्रा सूंड है।
- अशोक सुन्दरी: कुछ धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि गणेश की एक बहन भी थीं जिनका नाम अशोक सुन्दरी था।
- पत्नियां: गणेश जी को दो पत्नियां हैं, जिनका नाम रिद्धि और सिद्धि है।
- लक्ष्मी-गणेश: मां लक्ष्मी और मां पार्वती दोनों ही आदिशक्ति यानी की मां दुर्गा का ही रूप है, मां लक्ष्मी की पूजा उनके बेटे गणेश के बिना नहीं की जाती है क्योंकि लक्ष्मी का मोल वो ही समझ सकता है जिसके पास बुद्दि है और गणेश जी बुद्दि के मानक हैं।
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