योगी सरकार ने किराएदारी कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की, लोगों से मांगे गए सुझाव

लखनऊ। यूपी में प्रस्तावित किराएदारी कानून पर सरकार ने लोगों से सुझाव मांगे है। योगी सरकार ने किराएदारी कानून की प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए किराएदारी विनियम अध्यादेश का प्रारूप विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है और 20 दिसम्बर तक लोगों से आपत्ति और सुझाव मांग रही है।

यूपी सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि आप लोग अपने सुझाव और आपत्तियां 20 दिसंबर तक सरकार की वेबसाइट www.awasbandhu.in  पर भेज सकते हैंण् सरकार ने किरायेदारों के साथ-साथ मकान मालिकों के हित को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से यह अध्यादेश लाने का फैसला किया है।

दरअसल, अक्सर किराएदार और मकान मालिकों के बीच का विवाद कानून व्यवस्था के लिए समस्या खड़ी कर देता है। सरकार को लगता है कि ऐसे कानून से न सिर्फ ऐसे विवाद हल होंगे, बल्कि सरकार के पास भी है डाटा रहेगा कि कितने लोग किराएदार के तौर पर रहते हैं और किसी भी मकान मालिक के पास कितनी अचल संपत्ति है।

यूपी में सिर्फ ठाकुरों की सरकार चल रही है प्रदेश में जंगलराज जैसी स्थिति हो गई है: आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह

यूपी सरकार के प्रस्तावित किराएदारी कानून के मुताबिक, अब बिना एग्रीमेंट के कोई भी मकान मालिक किराएदार नहीं रख पाएगा। साथ ही मकान मालिक को किराएदार की जानकारी किराया प्राधिकरण को देनी होगी। नए कानून के तहत किराएदारी के संबंध में मकान मालिकों को तीन माह के अंदर लिखित अनुबंध पत्र किराया प्राधिकारी को देना होगा।

नए कानून के मुताबिक, अब आवासीय संपत्तियों पर 5 फीसदी और गैर.आवासीय पर 7 फीसदी सालाना किराया बढ़ाया जा सकेगाण् किराएदारों को रहने वाले स्थल की देखभाल करनी होगी। किराए की संपत्ति में होनी वाली टूट.फूट की जिम्मेदारी किराएदार की होगी। अगर किराएदार दो महीने तक किराया नहीं दे पाएगा तो मकान मालिक उसे हटा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button