महागठबंधन के हारे हुए उम्मीदवार आज जाएंगे कोर्ट, तेजस्वी यादव का है ‘मास्टर प्लान’
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Elections 2020) में आरजेडी (RJD) और महागठबंधन (Mahagathbandhan) के हारे हुए कई उम्मीदवार सोमवार से कोर्ट का रुख करना शुरू कर देंगे, छठ पर्व खत्म होते ही मामूली अंतर से हारने वाले लगभग दो दर्जन प्रत्याशी (खासकर आरजेडी के कैंडिडेट) ने अब कोर्ट जाने का मन बना लिया है। हिलसा विधानसभा सीट से 12 वोटों के मामूली अंतर से हारने वाले आरजेडी प्रत्याशी शक्ति सिंह यादव सोमवार को ही पटना हाईकोर्ट (High Court) का रुख करेंगे।
बता दें कि बीते सोमवार को ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ली थी। आरजेडी के एक नेता के मुताबिक, महागठबंधन के तकरीबन 21 प्रत्याशियों ने फिलहाल कोर्ट जाने का मन बनाया है। महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के निर्देश पर हारे हुए कई प्रत्याशी प्लान तैयार कर रहे थे। छठ पर्व के दौरान इन उम्मीदवारों ने कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है। अब सोमवार से ही कई उम्मीदवार कोर्ट जाने वाले हैं। तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि आरजेडी इस मामले में पूरी ताकत के साथ खड़ी है और हरसंभव मदद करेगी।
आरजेडी के कैंडिडेट की संख्या ज्यादा
गौरतलब है कि इन 21 प्रत्याशियों में से सबसे ज्यादा आरजेडी के उम्मीदवार हैं। आरजेडी के 14, सीपीआई माले के 3, सीपीआई के 1 और कांग्रेस पार्टी के 3 उम्मीदवार कोर्ट जाने की तैयारी में है।
एनडीए के भी प्रत्याशी जा सकते हैं कोर्ट
इधर बीजेपी और जेडीयू के भी तकरीबन एक दर्जन उम्मीदवार एक हजार से कम अंतर से हारे हैं। ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को बेशक बहुमत नहीं मिला हो, लेकिन आरजेडी नेताओं ने अभी तक सरकार बनाने की आस नहीं छोड़ी है। पिछले दिनों आरजेडी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज झा के ट्वीट भी इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं।
हिलसा विधानसभा सीट इसलिए है चर्चित
हिलसा विधानसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी शक्ति सिंह यादव मात्र 12 वोटों से जेडीयू उम्मीदवार से हार गए थे। भोरे विधानसभा सीट से जेडीयू के सुनील कुमार ने सीपीआई (माले) उम्मीदवार जितेंद्र पासवान को 462 वोट से पराजित किया था। बेगूसराय के बछवाड़ा विधानसभा सीट पर बीजेपी के सुरेंद्र मेहता ने सीपीआई के अवधेश कुमार राय को 484 मतों के कम अंतर से हराया था। चकाई विधानसभा सीट से निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने आरजेडी के सावित्री देवी को 581 मतों के कम अंतर से हराया। सुमित कुमार सिंह ने एनडीए को समर्थन देने का फैसला किया है।
बीते 10 नवंबर को भी मतगणना के दिन आरजेडी उम्मीदवारों के द्वारा ईवीएम में पड़े वोट और वीवीपीएटी (वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की पर्ची में मिलान कराने पर जोर दिया जा रहा था। मतगणना के 40 दिनों तक वीवीपीएटी और ईवीएम का डाटा संभाल कर रखा जाता है। ऐसे में कोई भी प्रत्याशी इस दौरान कोर्ट जा सकता है।