सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद, शिक्षा मंत्री बने डॉ मेवालाल चौधरी भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण दिया इस्‍तीफा

पटना। बिहार में नई सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में बन गई है, लेकिन विवादों से दामन अब भी नहीं छूट रहा है। नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री बने डॉ मेवालाल चौधरी (Dr. Mewalal Chaudhary) भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण विरोधी दलों के निशाने पर हैं। इस बीच, मेवालाल चौधरी ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अपने पद से इस्‍तीफा (Resign) दे दिया है। यही नहीं, उनके इस्‍तीफे का लिफाफा राजभवन पहुंच गया है।

विवादों में घिरे शिक्षा मंत्री डॉ मेवालाल चौधरी ने आज ही पदभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि जो हमारे खिलाफ बोल रहे हैं और यह कह रहे है कि मेरी पत्नी की मौत के लिये मैं जिम्मेवार हूं, उनके खिलाफ आज ही 50 करोड़ की मानहानि का केस करूंगा और आज ही उनके पास लीगल नोटिस जाएगा, लेकिन शाम होते होते उन्‍होंने इस्‍तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। आपको बता दें कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति रहते समय मेवालाल चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और उनपर एफआईआर भी दर्ज हुई थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी टिफनी ट्रंप ने फ्लॉयड की मौत पर प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया

इसके बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से उन्हें निलंबित कर दिया गया था। यही वजह है कि विपक्ष लगातार नीतीश सरकार को टारगेट पर ले रही है। यही नहीं, तेजस्वी यादव लगातार मेवालाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को उठा रहे हैं। आज भी उन्होंने इस मसले पर ट्वीट कर हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हत्या और भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में IPC की 409, 420, 467, 468, 471 और 120B धारा के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाने से बिहारवासियों को क्या शिक्षा मिलती है?

गौरतलब है कि तारापुर के नवनिर्वाचित जेडीयू विधायक डॉ मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है। राजनीति में आने से पहले वर्ष 2015 तक वह भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। वर्ष 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आए, इसके बाद जदयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लड़े और जीत गए, लेकिन, चुनाव जीतने के बाद डॉ चौधरी नियुक्ति घोटाले में आरोपित किए गए, कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी।

मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय रही थी। वह जदयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थी। 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गयी, वर्ष 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग में झुलसने से उनकी मौत हो गयी थी ।पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी की पत्नी की मौत के मामले में उनसे पूछताछ की मांग की है। इसके लिए उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखा है।

बता दें कि मेवालाल कोइरी समुदाय से आते हैं, उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा रवि प्रकाश अमेरिका में तो छोटा बेटा मुकुल प्रकाश आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। 4 जनवरी 1953 को जन्मे मेवालाल (एमएल) चौधरी की शैक्षणिक योग्यता एमएससी है। उन्होंने पीएचडी भी की है। एमएल चौधरी भारत सरकार में हॉर्टिकल्चर कमिश्नर रह चुके हैं। वह बिहार के कृषि रोड मैप तैयार करने वाले दल के सदस्य भी रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button