प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ का अमेरिकी कंपनियों ने किया समर्थन

 अमेरिका की शीर्ष एयरोस्पेस और रक्षा कंपनियों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को मजबूत करने का संकल्प लिया।

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' का अमेरिकी कंपनियों ने किया समर्थन

साथ ही भारत और अमेरिका रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। इन कंपनियों ने यहां चल रहे एयर शो एयरो इंडिया-2017 के दौरान अपना समर्थन जताया।

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एयर शो में सरकार विश्व की कंपनियों को भारत से जोड़ने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ अभियान पर जोर दे रही है। एयर शो में अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल अमेरिकी कंपनियों का प्रतिनिधित्व कर रही है।

काउंसिल में बोइंग, लॉकहीड, आर्कोनिक, हनीवेल, हैरिस कॉरपोरेशन समेत अमेरिकी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

एक सेमिनार के दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिकी उद्योग के लिए भारत महत्वपूर्ण साझेदार है। एयरो इंडिया-2017 मेक इन इंडिया के समर्थन में व्यापक चर्चा के लिए सर्वोत्तम स्थान है।

उन्होंने कहा कि हम आज और भविष्य में भारत के साथ ज्ञान, कौशल और तकनीक साझा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यूएवी के लिए इजरायली कंपनी से करार बेंगलुरु की डाइनेमैटिक टेक्नोलॉजीज लि. (डीटीएल) ने मानवरहित विमान (यूएवी) बनाने के लिए इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आइएआइ) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत आइएआइ तकनीक और उत्पादन क्षमता डीटीएल को हस्तांतरित करेगी।

मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत को इसकी जरूरत होगी। आइएआइ मिसाइल, ड्रोन, सेटेलाइट, हथियार प्रणाली, रोबोटिक सिस्टम्स आदि की अग्रणी कंपनी है।

मिसाइल बेचने के लिए वियतनाम से बातचीत डीआरडीओ के अध्यक्ष एस. क्रिस्टोफर ने बताया कि भारत कम दूरी की सतह से सतह मार करने वाली मिसाइल बेचने के लिए वियतनाम से बातचीत कर रहा है।

ऐसा होने पर पहली बार भारतीय हथियार दक्षिण पूर्व एशियाई देश को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य कई देशों के साथ आकाश मिसाइल की बिक्री की बात चल रही है।

भारत को हथियार निर्यातक देशों में शामिल करने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जोर देने के अनुरूप ऐसा किया जा रहा है।

नौसेना के लिए 57 विमानों पर राफेल की नजर राफेल विमान का निर्माण करने वाली फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन नौसेना के 57 विमानों के लिए करार करना चाहती है।

नौसेना ने पिछले महीने इसके लिए ‘रिक्वेस्ट फॉर इंर्फोमेशन’ जारी कर विभिन्न कंपनियों का जवाब मांगा है।

डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैप्पियर ने कहा कि हमारी कंपनी इस करार के लिए जोर लगाएगी। डसॉल्ट के साथ वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान का सौदा पहले ही हो चुका है।

 

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