बद्रीनाथ के कपाट इस तारीख को खुलेंगे, मुख्य पुजारी समेत 27 लोग मौजूद रहेंगे; श्रद्धालुओं को नो एंट्री

देहरादून. बद्रीनाथ
धाम के कपाट 15 मई को सुबह 4.30 बजे खुलेंगे. इस दौरान मुख्य पुजारी
(रावल) समेत सिर्फ 27 लोग मौजूद रहेंगे. इनमें पुजारी और देवस्थान बोर्ड के
अधिकारी शामिल होंगे. श्रद्धालुओं को मौजूद रहने की इजाजत नहीं होगी.
जोशीमठ के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट अनिल चन्याल ने यह जानकारी दी है. मुख्य
पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी का कोरोना टेस्ट दो बार निगेटिव आ चुका है.
वे दो हफ्ते का क्वारंटीन पूरा कर चुके हैं. केरल से लौटने की वजह से
उन्हें क्वारेंटीन किया गया था.

बद्रीनाथ धाम
में भगवान के पांच स्वरूपों की पूजा की जाती है. विष्णुजी के इन पंच
स्वरूपों को पंच बद्री कहा जाता है. बद्रीनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा अन्य
चार स्वरूपों के मंदिर भी यहीं हैं. श्री विशाल बद्री पंच स्वरूपों में
मुख्य हैं. आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा तय की गई व्यवस्था के मुताबिक
बद्रीनाथ मंदिर का मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के केरल राज्य से होता है.
मंदिर हर साल अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक दर्शनों के लिए खुला रहता है.

देवस्थान बोर्ड ने तैयारियां पूरी की

पहले 30 अप्रैल
को कपाट खोलने का शेड्यूल था, लेकिन लॉकडाउन और मुख्य पुजारी के
क्वारेंटीन होने की वजह से तारीख आगे बढ़ाई गई थी. सोशल डिस्टेंसिंग का
ध्यान रखते हुए कम से कम लोगों की मौजूदगी में कपाट खोलने का फैसला लिया
गया है. उत्तराखंड देवस्थान बोर्ड ने बर्फ हटाने से लेकर पानी-बिजली तक के
इंतजाम पूरे कर लिए हैं. तैयारियों में जुटे लोगों के लिए मास्क पहनना
जरूरी है.

केदारनाथ धाम के कपाट पहले ही खुल चुके

29 अप्रैल को
सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर केदारनाथ के कपाट खुले. इस बार कपाट खुलने के दौरान
15-16 लोग ही मौजूद रहे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया.
पिछले साल केदारनाथ के कपाट खुलने के दिन 3 हजार लोगों ने दर्शन किए थे.

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