लाल नहीं, सफेद जोड़े में होती है दुल्हन की विदाई

14_09_2015-marriage-custom-300x225भीमडोंगरी/ मध्यप्रदेश। वैसै तो शादियां कई प्रकार से होती है, लेकिन क्या आपने ऐसी शादी के बारे में सुना है। मध्यप्रदेश में एक ऐसा गांव है जहां दुल्हन सफेद जोड़ा पहनकर विदा होती है। सफेद रंग को शादी विवाह और शुभ कार्यो के लिये अशुभ भी माना जाता है लेकिन फिर भी यहां लाल जोड़े की बजाय दुल्हन को सफेद जोड़ा पहनना होता है। यह मंडला जिले के भीमडोंगरी गांव की प्रथा है।

जश्न का एक ही रंग है सफेद

मंडला के आदिवासी समाज में लोग शादी-ब्याह के मौके पर रंगीन की बजाय सफेद कपड़े ही पहनते हैं। शादी में दूल्हा-दुल्हन के अलावा शामिल होने वाले लोग भी सफेद कपड़े ही पहनते है। चाहे बच्चा हो या बुजुर्ग,
दुल्हन हो या विधवा सबके कपड़ों का रंग सफेद ही होता है। यहां रहने वालों के लिए मौत और जश्न का एक ही रंग होता है सफेद।

होते है सिर्फ चार फेरे

इतना ही नहीं इस समाज में एक और सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि यहां वधु पक्ष के घर में सिर्फ चार फेरे लिए जाते हैं और बचे हुए तीन फेरे विदाई के बाद वर पक्ष के घर में होते हैं। गौंडी धर्म को मानने
वाले यह लोग सफेद रंग को पवित्र भी मानते हैं और शांति का प्रतीक भी। इसलिए ये लोग सफेद लिबास पहनना पसंद करते हैं।

शराब पीना है प्रतिबंधित

गौंडी धर्म के अनुयायी अन्य आदिवासियों की तुलना में बिल्कुल अलग होते हैं। इस गांव में शराब पीना पूर्णत: प्रतिबंधित है। इस गांव में अगर कोई भी व्यक्ति शराब पीता है तो उसका समाज से बहिष्कार कर दिया
जाता है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button