फांसी से बचने का निर्भया के दोषी मुकेश का एक और पैंतरा, दिल्ली HC को दी चुनौती

दिल्ली गैंगरेप के दोषियों में से एक मुकेश ने दिल्ली उच्च न्यायालय में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसकी मौत की सजा को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि जब बलात्कार हुआ था तब वह दिल्ली में नहीं था।

उधर चार दोषियों में एक अक्षय ठाकुर की फांसी से पहले उसकी पत्नी पुनीता देवी ने औरंगाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की है। अक्षय बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है। प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में अक्षय ठाकुर की पत्नी ने तलाक के लिए मुकदमा दाखिल करते हुए कहा कि उसके पति रेप के केस में सजायाफ्ता हुए हैं और उन्हें फांसी दी जानी है। वह नहीं चाहती है कि वह उनकी विधवा कहलाए। हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 (2) (कक) के तहत यह मुकदमा किया गया है। इस मामले की सुनवाई के लिए 19 मार्च की तिथि तय की गई है। परिवार न्यायालय में वाद संख्या 58/20 पर अब अगली तिथि को सुनवाई होगी।

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों के परिवारवालों ने बीते रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी। इच्छामृत्यु मांगने वालों में दोषियों के बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और उनके बच्चे शामिल हैं।

दोषियों के परिवार ने हिन्दी में राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि हम आपसे (राष्ट्रपति) और पीड़िता के माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे अनुरोध को स्वीकार करें और हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दें। भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध को रोकें, ताकि निर्भया जैसी दूसरी घटना न हो और अदालत को एक व्यक्ति के स्थान पर पांच लोगों को फांसी ना दी जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button