बिना चश्में के देख लिया सूर्य ग्रहण, 14 बच्चे अस्पताल में भर्ती, डाक्टर बोले…
जयपुर। साल 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण यानी सोलर एक्लिप्स 26 दिसंबर को था। जिसे देखने से राजस्थान की राजधानी जयपुर और इसके आसपास के 14 बच्चों की आंखें 70 फीसदी तक खराब होने का मामला सामने आया है। यह सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को सुबह 07.59 बजे शुरू हुआ था और दोपहर 01.35 पर समाप्त हुआ।
इस दौरान यानी कुल 5 घंटे 36 मिनट के समय में कुछ बच्चों ने बिना चश्मे या सुरक्षा इंतजाम के सूर्य ग्रहण देखा। इस दौरान कुछ बच्चों को थोड़े समय के लिए दिखना बिल्कुल बंद हो गया, जबकि अन्य को आंखों में धुंधलापन महसूस हुआ। पिछले 20 दिनों में ऐसे एक दर्जन से अधिक मामले प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में सामने आ चुके हैं। इनमें बच्चों के साथ कुछ बड़े भी शामिल हैं।
फिलहाल अस्पताल के नेत्ररोग विभाग के डॉक्टर सभी प्रभावितों के इलाज में जुटे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि इन बच्चों को फिर से साफ दिखने लगे। सवाई मानसिंह अस्पताल के नेत्र विभाग के एचओडी ओर यूनिट हेड डॉ कमलेश खिलनानी ने बताया कि सूर्यग्रहण से जिन बच्चों की आंखों को नुकसान हुआ है उसकी पूरी तरह से भरपाई मुश्किल है। बच्चों का इलाज हो रहा है और जल्द ही दुरुस्त हो जाएंगे लेकिन रेटिना पर जितना बुरा असर पड़ा है उसे देखते हुए पूरी तरह से पहले जैसी नजर नहीं रहेगी।
नेत्र विभाग के अधीक्षक डॉ कमलेश खिलनानी के अनुसार, बिना चश्मे और अन्य बिना किसी सुरक्षा के इंतजाम सूर्यग्रहण देखने से इन बच्चों की आंखों पर बुरा असर हुआ है। जांच में सामने आया है कि इन बच्चों का रेटिना जल चुका है और आंख के अंदर पीला धब्बा बनने से दिखाई देने में समस्या आ रही है। उन्होंने बताया कि अब इन बच्चों का इलाज किया जा रहा है और उम्मीद है इसके बाद उन्हें साफ दिखने लगेगा।
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जानकारी के अनुसार 26 दिसंबर के सूर्यग्रहण के बाद से पिछले 20-25 दिनों में एक दर्जन से अधिक बच्चे सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचे हैं। विभिन्न इलाकों से आने वाले इन मरीजों की आंखों में दिक्कत की वजह सूर्यग्रहण को बिना चश्मे के देखना बताई जा रही है।