मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: CBI ने कहा-नहीं हुई थी किसी लड़की की हत्या
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में एक बड़ी बात सामने आ रही है। इस मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि बालिका गृह में कुछ लड़कियों की दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को जमीन में गाड़ देेने का शक जताया गया था, वो सही नहीं निकला है। जिन लड़कियों की हत्या का शक जताया गया था, वो सारी जीवित पाई गई हैं। वहां जमीन से बरामद हड्डियां वयस्कों की पाई गई हैं।
सीबीआई की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दावा किया है कि इस केस में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला और सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया है। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि शेल्टर होम में किसी लड़की की मौत नहीं हुई थी। इस केस में सुनवाई फिलहाल जारी है।
CBI tells Supreme Court that investigation in all 17 shelter homes cases, including Muzaffarpur(Bihar) shelter home abuse case, has been completed. No girl was killed in Muzaffarpur shelter home and skeletons found were not of inmate minors, AG KK Venugopal says.
— ANI (@ANI) January 8, 2020
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इस कांड में ब्रजेश ठाकुर समेत कई अन्य आरोपी शामिल हैं। टिस की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि ब्रजेश ठाकुर द्वारा चलाए जा रहे बालिका गृह में 40 से अधिक नाबालिग लड़कियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था। जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसका साथ देनेवाली मधु कुमारी सहित कई अन्य लोग भी जेल में बंद हैं।
बता दें कि इस कांड में शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे। मामले के सुर्खियों में आने के बाद बिहार सरकार ने इसकी जांच सीबीआइ से कराने की मांग की थी जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार लिया था। उसके बाद इस केस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और मामले को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था।
कोर्ट ने 20 मार्च 2018 को मामले में आरोप तय किए थे। कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, रेप, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।