जानें कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा करने की विधि

आज यानी 12 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा हैं। सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। इस दिन सभी देवी-देवताओं को एकसाथ प्रसन्न कर सकते हैं। इस दिन हवन, दान, गंगा स्नान, उपासना आदि का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान और दीप दान करने से कई यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। आज के दिन तुलसी पूजा का बड़ा महत्त्व है। दरअसल, कार्तिक महीने में तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है। कार्तिक माह में भगवान श्रीहरि की पूजा में तुलसी चढ़ाने का फल 10,000 गोदान के बराबर माना गया है। तुलसी नामाष्टक का पाठ करने और सुनने से लाभ दोगुना हो जाता है। पूरे कार्तिक महीने में तुलसी के सामने दीपक जलाकर उनकी पूजा की जाती है। अगर किसी कारणवश आप कार्तिक महीने में तुलसी के सामने दीपक नहीं जला पाएं है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन यानी आज तुलसी पूजा करके आप इस सौभाग्य को पा सकते है।

ऐसे करे पूजा

आज के दिन तुलसी पूजा करते समय तुलसी के पौधे के नीचे दीपक अवश्य जलाएं। आज पूरे 31 दीपक जलाकर अपने घर और गृहस्थी के लिए सौभाग्य की कामना अवश्य करें। शाम के वक्त तुलसी के पास दीया जलाने से लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। तुलसी का पौधा परिवार को बुरी नजर से भी बचाता है।

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तुलसी आराधना से लाभ

यह तो हम सभी जानते है और शास्त्रों में भी लिखा है कि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय हैं और वह तुलसी जी की बात कभी नहीं टालते। तो केवल तुलसी जल अर्पित करके भी श्रीहरि को प्रसन्न किया जा सकता है। तो अगर तुलसी माता आपकी भक्ति से प्रसन्न हो जाएं तो जीवन की सभी तकलीफें दूर हो सकती है। तुलसी का पौधा हमेशा से आस्था का केंद्र रहा है। तीज-त्यौहार हो या पूजा-पाठ हर काम में इस पवित्र पौधे की पत्तियों को इस्तेमाल किया जाता है। घर के आंगन में तुलसी का पौधा है तो आपके घर के सारे वास्तु दोष मिट जायेंगे। सुखा तुलसी का पौधा घर में रखना अशुभ माना जाता है। अगर तुलसी का पौधा सूख गया है तो उसे किसी पवित्र नदी, तालाब या किसी कुंए में प्रवाहित कर दें। सुखा पौधा हटाने के बाद तुरंत नया तुलसी का पौधा लगाएं।

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