भ्रामरी योग सिखाता हैं ध्यान केन्द्रित करना…
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए जाना जाता हैं। लेकिन भक्ति का फायदा तभी मिल पाता हैं जब अच्छे से ध्यान लगाया जाए। ध्यान केन्द्रित कर पाना कोई आसान काम नहीं होता हैं। इसके लिए मन को शांत कर सभी तनाव को दूर करना पड़ता हैं। इसमें आपकी मदद करता हैं भ्रामरी योग। जी हाँ, भ्रामरी योग की मदद से मन को एकाग्रचित होकर भगवान की भक्ति में ध्यान लगाया जा सकता हैं। आज हम आपके लिए भ्रामरी योग को करने से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।
आसन का अभ्यास करें इस तरह
– अपनी आंखें बंद कर ध्यान की मुद्रा में बैठ जायें और नाक से गहरी सांस लें।
– सामान्य आवाज के साथ हमिंग की आवाज से शुरूआत करें। अपनी जीभ के आगे के भाग को मुंह के ऊपर ले जायें।
– अगर आपकी जीभ बहुत तेजी से दबेगी तो गले का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जायेगा और किसी तरह की आवाज नहीं आयेगी।
– ध्यान रखे कि कैसे जीभ को थोड़ा सा भी उठाने से आपके गले से किस प्रकार की आवाज़ आती है। नाक में मक्खी जैसी आवाज का अनुभव कंपन की तरह होना चाहिए।
– व्यायाम की शुरूआत में सिर्फ सांस बाहर की ओर लेते समय इस तरह की आवाज़ होती है।
– सांस लेते समय अपने गले और जीभ को सामान्य रूप से सांस लेने दें। जब आप व्यायाम की दिशा में आगे बढ़े तो सांस छोड़ते समय भी इस आवाज का अनुभव करें।