जानें क्यों ट्रंप ने कहा- भारत और चीन विकासशील देश नहीं

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा कि भारत और चीन अब विकासशील देश नहीं रहे हैं. इसके बावजूद भी दोनों ही देश विश्व व्यापार संगठन (WTO) से विकासशील दर्जे के तहत मिलने वाले फायदे ले रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि उनके प्रशासन ने डब्ल्यूटीओ को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि भारत और चीन को इसके तहत फायदा नहीं दिया जाए.

WTO को चिट्ठी लिखी, दर्जे से अलग करने के लिए कहा
ट्रंप ने कहा डब्ल्यूटीओ अभी तक चीन को विकासशील देश मानता है, इस बारे में हमने WTO को चिट्ठी लिखकर कहा कि वह चीन को इस दर्जे से अलग करें. हम भारत को अब विकासशील देश के दर्जे में नहीं रख सकते क्योंकि दोनों ही देश अमेरिका को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, आगे हम यह फायदा नहीं दे सकते.

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यूएस और चीन के बीच ट्रेड वार चल रहा
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूएस और चीन के बीच ट्रेड वार चल रहा है. इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयात होने वाले सामान पर शुल्क बढ़ा दिया है. चीन ने भी जवाबी शुल्क लगाते हुए अमेरिका के सामान पर टैक्स बढ़ाया है. इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड वार चल रहा है.

इससे पहले, जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति डब्ल्यूटीओ से यह साफ करने के लिए कहा था कि वह किस आधार पर किसी भी देश को विकासशील देश का दर्जा देता है. उस समय भी यह माना जा रहा था कि ट्रंप के यह पूछने का मतलब चीन, तुर्की ओर भारत जैसे देशों को इस दर्जे से अलग करना था.

आपको बता दें विकासशील देशों को डब्ल्यूटीओ से वैश्विक व्यापार नियमों के तहत रियायत मिलती है. ट्रंप ने उस समय अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) को अधिकार देते हुए यह भी कहा था कि यदि कोई विकसित अर्थव्यवस्था डब्ल्यूटीओ की खामियों का लाभ उठाती है तो वह उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू करे.

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