पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया है. भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज को गंभीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया था. सुषमा स्वराज की हालत काफी नाज़ुक बनी हुई थी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, नितिन गडकरी अस्पताल पहुंच चुके हैं. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी एम्स के लिए रवाना हो गए हैं. बता दें सुषमा स्वराज की तबियत काफी लंबे समय से खराब बनी हुई थी. सुषमा स्वराज ने करीब तीन घंटे पहले ही आर्टिकल 370 हटने के बाद ट्वीट किया था.
सात बार सांसद रही सुषमा स्वराज मोदी सरकार के 2014-2019 तक के कार्यकाल में विदेश मंत्री के पद पर रहीं. विदेशों में रह रहे भारतीयों को जब कभी भी परेशानी हुई है तब-तब सुषमा स्वराज ने मदद का हाथ बढ़ाया. सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 में अम्बाला में हुआ था. राजनीति में आने से पहले सुषमा स्वराज ने सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता के पद पर भी काम किया. साल 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद सुषमा स्वराज को विदेशमंत्री का पद सौंपा गया. इस पद को संभालने के बाद से ही जब कभी भी विदेश में रह रहे किसी भारतीय को मदद की जरूरत पड़ी, सुषमा स्वराज ने हर मुमकिन कोशिश की. उन्होंने कई बार विदेशों में फंसे भारतीयों को सकुशल घर वापसी कराई.
पाक ने पिछले कुछ दिनों में नियंत्रण रेखा के साथ आतंकियों की ताकत बढ़ाना किया शुरू
यमन से 4640 भारतीयों को सुरक्षित बचाया
यमन में जब हूथी विद्रोहियों और सरकार के बीच जंग छिड़ी तो हजारों भारतीय इस जंग के बीच में फंस गए. जंग लगातार बढ़ती जा रही थी और सऊदी अरब की सेना लगातार यमन में बम गिरा रही थी. इसी बीच यमन में फंसे भारतीयों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई. यमन में फंसे भारतीयों के लिए सुषमा स्वराज ने ऑपरेशन राहत चलाया और ऑपरेशन के दौरान साढ़े पांच हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया. ये ऑपरेश इतना सफल रहा कि भारत ही नहीं यमन में फंसे 41 देशों के नागरिकों को इस ऑपरेशन के जरिए ही सुरक्षित बचाया जा सका. इसमें से 4640 भारतीय थे.
सूडान के सिविल वॉर में बचाई भारतीयों की जान
इसी तरह दक्षिण सूडान में छिड़े सिविल वॉर में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वतन वापस लाने के लिए विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने ऑपरेशन संकटमोचन की शुरुआत की. इस ऑपरेशन के तहत दक्षिण सूडान में फंसे 150 से ज्यादा भारतीयों को बाहर निकाला गया. इसमें 56 लोग केरल के शामिल थे
लीबिया में भी मदद के लिए बढ़ाया हाथ
लीबिया में सरकार और विद्रोहियों के बीच छिड़ी जंग में भी कई भारतीय वहां फंस गए थे. लीबिया से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने की तैयारी तेज की गईं और 29 भारतीयों को सुरक्षित भारत लाया गया. हालांकि इस दौरान एक भारतीय नर्स और उसके बेटे की मौत हो गई.
15 साल पहले बिछड़ी बेटी की हुई वतन वापसी
सुषमा स्वराज की कोशिशों के बाद 15 साल पहले भटककर सरहद पार पाकिस्तान पहुंच गई 8 साल की मासूम गीता को भारत लाया जा सका. गीता जब भारत लौटी तब उसकी उम्र 23 साल हो चुकी थी. गीता भारत आने के बाद सबसे पहले विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से मिली.
विदेश मंत्री के तौर पर उन्होंने कई ऐसे काम किए जिनके बाद हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के लोगों ने सिर झुकाकर उन्हें सलाम किया. मोदी सरकार की तेज तर्रार मंत्रियों में से एक कही जाने वाली सुषमा स्वराज ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया.