अगर आप पशुपालन के साथ ही खेती करते हैं तो घर बैठे बना सकते हैं शिवंश खाद, रसायनमुक्त होगा अनाज

अगर आप पशुपालन के साथ ही खेती करते हैं तो घर बैठे शिवंश खाद बना सकते हैं, इसके लिए न तो आपको कोई पैसा खर्च करना होगा और न ही कोई सामग्री। गोबर, पेड़ों का सूखा कचरा, धान के सूखे डंठल, सूखी घास व पत्तिया, पशुओं का बिछावन व जंगली घास के जरिए आप ऐसी खाद तैयार कर सकते हैं जो न सिर्फ बीमार धरती मा की सेहत सुधारेगी, बल्कि रसायन से मुक्त अनाज का भी उत्पादन होगा। सिंचाई के लिए कम पानी की जरूरत, खर-पतवार हटाने में कम मेहनत व आमदनी में भी इजाफा होगा। ये खाद सिर्फ 18-20 दिन में तैयार की जा सकती है। कर्नलगंज क्षेत्र स्थित पारा गाव के किसान प्रयागदत्त तिवारी ने 2.50 क्विंटल जैविक खाद घरेलू कचरे से तैयार की है। उनका कहना है कि खाद को तैयार करने में लागत न के बराबर है। इसके लिए सिर्फ एक लोहे की जॉली तैयार करानी होती है।
क्या है शिवंश खाद
हमारे यहा ज्यादातर लोग किसान हैं। उनमें से कई अपने और अपने परिवार के पालन पोषण के लायक भी नहीं कमा पा रहे हैं। ऐसे लोगों की सहायता के लिए एक तरीका ढूंढ़ा गया है। किसानों को ऐसी तकनीक सिखाई जाएगी जिसके जरिए वह बिना पैसे खर्च किए अपने खेतों के लिए खुद खाद बना सकते हैं। इसे शिवंश खाद का नाम दिया गया है।
क्या है खाद बनाने की विधि
सबसे पहले चार वर्ग फिट की एक जाली जमीन के ऊपर तैयार कराइए। फिर उसमें दस किलोग्राम वाले डिब्बे से 9 डिब्बा सूखी घास काटकर डाल दीजिए। इसके बाद डेढ़ डिब्बा पानी डालकर छिड़काव करें। अगली परत हरी घास की डाली जाएगी। छह डिब्बा घास डालने के बाद एक डिब्बा पानी का छिड़काव करें। इसके बाद तीन डिब्बा गोबर डालकर पानी का छिड़काव करें। जाली को ऊपर तक भरकर पॉलीथिन या प्लास्टिक शीट से ढककर बाध दें। चार दिन बाद खाद की पलटाई करें, ये कार्य दो दिन के अंतराल पर चार किया जाएगा। खाद का रंग गाढ़ा भूरा होता जाएगा। औसतन 18 दिन बाद खाद तैयार हो जाएगी।
तापमान व नमी का रखें ख्याल
शिवंश खाद तैयार करने में तापमान व नमी का ख्याल रखना चाहिए। खाद की पलटाई के समय इसका तापमान सबसे पहले चेक किया जाता है। उचित तापमान 60-70 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। चेक करने के लिए खाद अंदर हाथ कोहनी तक डाल लिए, यदि हाथ नहीं रख पा रहे हैं तो तापमान सही है। हाथ अगर आराम से रखा जा सकता है तो तापमान कम है, इसके लिए हम खाद की पलटाई के समय गोबर और मिला दें। नमी परखने के लिए खाद हाथ में लेकर निचोड़ें, यदि 10-15 बूंद पानी निकलता है तो नमी पर्याप्त है। यदि 10 बूंद से कम निकलती है तो पानी का छिड़काव करें। नमी अधिक होने पर खाद को खुला छोड़ दें।
कैसे करें प्रयोग
– एक जाली में तैयार की गई खाद एक बीघा खेत के लिए पर्याप्त है। पहली बार जिस खेत में ये खाद डालेंगे, उसमें यूरिया की मात्रा सामान्य तौर से 50 प्रतिशत ही डालेंगे। दूसरी बार इस खाद का उपयोग करने पर हम कोई अन्य खाद नहीं डालेंगे। आठ जाली में तैयार खाद का उपयोग एक एकड़ में प्रर्याप्त होगा। सब्जी की खेती के लिए ये सबसे फायदेमंद है। खाद को तीन माह तक ढककर रखा जा सकता है।
अच्छा प्रयास
विश्व बैंक के स्टेट कंसलटेंट विवेक गंगवार का कहना है कि गोंडा के किसान ने शिवंश खाद बेहतर ढंग से बनाई है। इसमें बेहतर निगरानी का अहम रोल रहा है। गाव में जिला कंसलटेंट अरुण शैलेंद्र सिंह यादव व कर्मचारी दिनेश मौर्य ने किसानों को खाद तैयार करने के लिए तकनीकी ज्ञान दिया। इससे किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे।





