कई बार उपस्थिति में फंस जाता है मानदेय….

परिषदीय स्कूलों में शिक्षामित्रों से शिक्षण कार्य लिया जाता है, लेकिन इनकी उपस्थिति सत्यापित करने में अफसर दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। 166 शिक्षामित्रों को मार्च से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। 35 लाख रुपये खाते में डंप है। खंड शिक्षाधिकारियों से इनकी उपस्थिति भेजने के लिए कहा जा रहा है। मानदेय न मिलने से शिक्षामित्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ब्लॉक संसाधन केंद्र कर्नलगंज, तरबगंज, नवाबगंज, झंझरी, पंडरीकृपाल से शिक्षामित्रों की उपस्थिति नहीं भेजी गई। इससे मार्च व अप्रैल का मानदेय भुगतान फंसा हुआ है। धनराशि उपलब्ध होने के बावजूद भुगतान नहीं हो पा रहा है। यह कोई पहली बार नहीं जब इस तरीके से हो रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी समय से उपस्थिति नहीं भेजते हैं। जिससे इनको परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिक्षामित्र बीआरसी से लेकर बीएसए व वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं। यह हाल तब है महीने की सात तारीख को मानदेय भुगतान हो कर देने के आदेश हैं। इस सब के बाद भी अधिकारी मूक बने हुए हैं। सात तारीख तक मिल जाना चाहिए
– प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला मीडिया प्रभारी अवधेश मणि मिश्र का कहना है कि हर महीने की सात तारीख तक मानदेय देने का प्राविधान है लेकिन, खंड शिक्षा अधिकारी उपस्थिति नहीं भेजते हैं। इससे परेशानी का सामना करना पड़ता है। पत्र भेजा जाता है लेकिन, कोई जवाब नहीं मिलता है। अफसर भी मूक बने रहते हैं। बीईओ से मांगी उपस्थिति
– शिक्षामित्रों के मानदेय मद में धनराशि हैं। ब्लॉकवार उपस्थिति आ जाए तो भुगतान कर दिया जाए। इसके लिए बीईओ से कहा गया है। बीएसए को भी अवगत कराया जा रहा है।
– मनोज कुमार सिंह, वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक





