International Women Day 2019: ये हैं देश की पहली महिला पायलट, जिसने साड़ी पहन कर उड़ाया था विमान
जिस समय भारत में महिलाओं की जिंदगी में बहुत सी बंदिशों से घिरी हुई थी उस समय वह भारत की पहली महिला पायलट बनी थीं। दुनिया की सभी बंदिशों को पीछे छोड़ते हुए इस महिला ने अपने व पूरे परिवार का सपना पूरा किया था। उस दौर में जब औरतों को घर से बाहर निकलने की भी इजाजत नहीं होती है। ऐसे में किसी महिला का विमान उड़ाना बहुत हैरानी की बात है। लेकिन सरला ठकराल ने 21 साल की उम्र में विमान को उड़ाकर इतिहास रच दिया। साल 1936 में सरला ठकराल एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
सरला ठकराल का जन्म 15 मार्च को दिल्ली में हुआ ता। उन्होंने साल 1929 में दिल्ली में खोले गए फ्लाइंग क्लब में विमान चालन का प्रशिक्षण लिया था और एक हजार का अनुभव बटोरा था। दिल्ली के फ्लाइंग क्लब में उनकी भेंट अपने भावी पति पीडी शर्मा से हुई। विवाह के बाद उनके पति ने उन्हें व्यावसायिक विमान चालक बनने का प्रोत्साहन दिया।
पति से प्रोत्साहन पाकर सरला ठकराल जोधपुर फ्लाइंग क्लब में ट्रेनिंग लेने लगी थीं। 1936 में लाहौर का हवाईअड्डा ऐतिहासिक पल का गवाह बना जब 21 वर्षीया सरला ठकराल जिप्सी मॉथ नामक दो सीट वाले विमान को उड़ाया।
साल 1939 सरला के लिए बहुत दुख भरा रहा। जब वह कमर्शियल पायलेट लाइसेंस लेने के लिए कड़ी मेहनत कर रही तीं तब दूसरा विश्व युद्ध छिड़ गया। फ्लाइट क्लब बंद हो गया और फिर सरला ठकराल को अपनी ट्रेनिंग भी बीच में ही रोकनी पड़ी। इससे भी ज्यादा दुख की बात यह रही कि इसी साल एक विमान दुर्घटना में उनके पति का देहांत हो गया। जिसके बाद उनकी जिंदगी बदल गई।
पति की मौत के समय वह लाहौर में थी तब उनकी उम्र 24 साल थी। वहां से सरला वापस भारत आ गईं और मेयो स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला ले लिया। जहां उन्होंने बंगाल स्कूल ऑफ से पेंटिंग सीखी और फाइन आर्ट में डिप्लोमा भी किया। भारत का विभाजन के बाद सरला अपनी दो बेटियों के साथ दिल्ली आ गई और यहां उनकी मुलाकात पीपी ठकराल के साथ हुई। ठकराल ने उनके साथ साल 1948 में शादी कर ली। जिंदगी की दूसरी पारी में वो सफल उद्धमी और पेंटर बनीं। 15 मार्च 2008 को सरला ठकराल की मौत हो गई।