पति-बच्चे होते हैं बेड के नीचे और ऊपर शुरू हो जाता है… सेक्स वर्कर की जिंदगी का ये सच कोई भी नहीं सुन पाएगा

सेक्स वर्कर्स जिनका नाम सुनने के साथ ही हमारे दिमाग में उनके लिए गलत ख्याल आने लगते हैं. सेक्स वर्कर को हम हमेशा उनके काम की वजह से घृणा के साथ देखते हैं लेकिन ये कभी सोचते ही नहीं कि उनके इस काम के पीछे क्या मजबूरी है. दरअसल आप सोच भी नहीं सकते कि एक सेक्स वर्कर की जिंदगी कितनी मुशकिलों से भरी होती है. इन लोगों की जिंदगी को न जाने कितनी बार पर्दे पर दिखाया जा चुका है और अब एक बार फिर लव सोनिया फिल्म भी इसी मुद्दे पर नई रोशनी डालती नज़र आ रही है.
फिल्म की मुख्य अभिनेत्री मृणाल ठाकुर इस फिल्म में एक सेक्स वर्कर का किरदार निभा रही हैं. सेक्स वर्कर की जिंदगी को पर्दे पर सच्चाई से उतारने के लिए मृणाल कोलकाता के सोनागाछी रेडलाइट एरिया में गई और वहां जाकर सेक्स वर्कर्स की जिंदगी को करीब से देखा
मृणाल ने बताया कि वह एक सेक्स वर्कर से वहां गई. एक छह फुट चौड़े और दस फुट लंबे कमरे में इनकी जिदंगी बसती है. कमरे में एक फोल्डिंग बेड था. मैंने उससे पूछा कि कैसे इस कमरे में रहती हो तो उसने बताया कि जब कस्टमर आते है तो उस दौरान मेरे बेटे और मेरे पति को इसी बेड के नीचे सोना पडता हैं. दिन में करीब 30-40 कस्टमर रोज़ाना आते है. मैं क्या करूं? अब ये मेरा पेशा भी है और मजबूरी भी.
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मृणाल ने पूछा कि कभी रोना नहीं आता तो सेक्स वर्कर ने जवाब दिया कि अब कोई भावना ही नहीं बची. हमारी मदद के लिए उस समय कोई नहीं आया जब हमें जरुरत थी हम रोए, मदद मांगी. अब चाहे हमें बुखार हो हम प्रेगनेंट हो पीरियड्स हो या हम मर रहें हो किसी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और अब यही हमारी जिंदगी है.