पुतिन का बड़ा फैसला, इन देशों को होगा बड़ा नुकसान
नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति पुतिन जो करते हैं बिंदास करते हैं। उसके परिणाम क्यों होंगे उनकी फिक्र उनको ज्यादा नहीं रहती।
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रूस ने अतंरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से खुद को अलग कर लिया है। बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आईसीसी के संस्थापक विधान से रूस के हस्ताक्षर अलग करने वाले आदेश को मंजूरी दे दी है।
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रूस का कहना है कि न्यायालय अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहा है। रूस ने साल 2000 में रोम विधान पर हस्ताक्षर किया था, जिससे आईसीसी की स्थापना हुई थी। यह दुनिया की पहला स्थायी युद्ध अपराध न्यायालय है।
रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि न्यायालय खुद से जुड़े देशों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। रूस ने कोर्ट के काम को एकतरफा और निष्प्रभावी बताया है। मंत्रालय ने कहा कि इस हालत में कोई अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में विश्वास की बात नहीं कर सकता। क्रेमलिन ने इस फैसले को देशहित में बताया है।
बता दें कि बीते सोमवार को ही आईसीसी ने साल 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया में रूस के अधिकार स्थापित करने को सशस्त्र युद्ध करार दिया था। साथ ही न्यायालय 2008 में मॉस्को और जॉर्जिया के बीच हुए छोटे से युद्ध में रूस पर लगे युद्धअपराधों के आरोपों की भी जांच कर रहा है। इससे मॉस्को ने नाखुशी जाहिर की है। हालांकि रूस की इस घोषणा का दक्षिण अफ्रीका, गांबिया जैसे देशों ने स्वागत किया है। ये देश भी आईसीसी से बाहर हो चुके हैं।