ISIS आतंकियों का हुआ खात्मा, जारी हुई तस्वीरें
IRAQ के MOSUL शहर को आतंकी संगठन ISIS के कब्जे से छुड़ाने के लिए आंतकियों और सेना के बीच जंग जारी है। इसी बीच मोसुल की कुछ सेटेलाइट तस्वीरें जारी की गई है। जो बताती है कि वहां हमले कैसे किए जा रहे हैं और इन हमलों का क्या असर पड़ रहा है।
इस बीच मोसुल पर हमले के जवाब में शुक्रवार को इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने किरकुक शहर पर हमला बोल दिया है। हमले में अब तक 19 लोगों की मौत हो गई है।
इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने सरकारी इमारतों को निशाना बनाया है। इस हमले में कम से कम छह पुलिस अधिकारियों की मौत हुई है जबकि एक पॉवर स्टेशन के 13 कर्मचारी मारे गए हैं। वहीं दूसरी तरफ इस जंग में इस आईएस के अबतक 12 आतंकी मारे जा चुके हैं। ये जंग इराकी फौज और आईएस के आतंकियों के बीच चल रही है। इधर भूराजनैतिक मामलों की जानकारी जुटानेवाली एजेंसी स्ट्रैटफॉर की ओर से जो सबसे पहली सैटेलाइट तस्वीर जारी की है उसमें मोसुल जाने वाली सड़क हाईवे-2 पर टायर जलते हुए दिख रहे हैं।
स्ट्रैटफॉर के मुताबिक, आतंकियों ने हाईवे-2 में अस्थाई रुकावटें पैदा कर दी है। ताकि गाड़ियां वहां से आगे ना जा सके। हाईवे-2 मोसुल को कुर्द शहर इरबिल से जोड़ता है। तस्वीर में टायर से तैयार किए गए कुछ घेरे दिख रहे हैं। इलाके की विजिबलिटी खराब करने के लिए जगह जगह टायर जलाए जा रहे हैं। टायर जलाने का मकसद हवाई हमले में बाधा डालना है।
यह सेटेलाइट तस्वीर पूर्वी मोसुल के बरतेला इलाके की हैं। स्ट्रैटफॉर की इस तस्वीर में दिखाई दे रहा है कि कैसे इमारतों पर हवाई और तोप से हमले किए जा रहे हैं। इस्लामिक स्टेट ने जमीनी हमले का मुकाबला करने के लिए बरतेला शहर के चारों ओर सुरक्षा प्रबंध कर रखे हैं। स्ट्रैटफॉर के मुताबिक, आईएस के तैयार सुरक्षा कवच को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद काराकोश पर हमला बोला जाएगा। इसे हमदानिया के नाम से भी जानते है।
इस्लामिक स्टेट को टक्कर देने के लिए इराकी फौज ने यहां दूसरे हमले की भी तैयारी कर ली है। आतंकियों के रक्षात्मक ठिकानों को सरकारी बलों की ओर से निशाना बनाया जा रहा है। इसके अलावा, सेटेलाइट तस्वीर में काराकोश में हुई लड़ाई के असर साफ देखे जा सकते हैं।
सरकार समर्थित लड़ाकों की अमरीका के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना हवाई हमलों से मदद कर रही है। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी संस्था यूएनएचसीआर के मुताबिक, मोसुल से करीब 1,900 लोग हाल के दिनों में पलायन कर चुके हैं। आशंका है कि आने वाले दिनों में और दस लाख लोग यहां से घर छोड़ कर जा सकते हैं। यूएनएचसीआर के आंकड़े बताते हैं कि 2014 से अब तक यहां 32 लाख लोग भाग चुके हैं। (साभार बीबीसी हिंदी)