जानलेवा बारिश ने पंजाब में ढाया कहर, अब तक 10 लोगों की हुई मौत, कई एकड़ फसल जलमग्न
सरकार ने प्रदेश में रेड अलर्ट भी घोषित कर दिया है। मंगलवार को सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं। सभी उपायुक्त लगातार बारिश से उत्पन्न हालात पर नजर रख रहे थे और आपदा नियंत्रण कक्षों को भी सक्रिय किया जा चुका है। सभी अधिकारियों को स्थिति के मद्देनजर तैयार रहने को कहा गया है। इसके अलावा, सेना से भी मौजूदा स्थिति में राज्य की मदद करने के लिए सतर्क रहने का अनुरोध किया गया है।
इसके अलावा सतलुज, रावी और ब्यास दरिया के कैचमेंट एरिया से प्रभावित लोगों को बचाने के लिए पर्याप्त नौकाओं की व्यवस्था कर ली गई है। सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हालात की समीक्षा के लिए अपने सरकारी आवास पर आपात बैठक ली। उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और पशुपालन विभाग के मंत्रियों को भी प्रभावित लोगों तक खाद्य पैकेटों के वितरण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने और जानवरों के लिए सूखे चारे की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
सोढल मेले में ज्वैलरी बेचने आया था परिवार, बच्ची की जान गई
जानकारी के अनुसार राजस्थान से बाबा सोढल मेले में व्यापार करने के लिए पहुंचे एक परिवार ने सोढल रोड पर अपना स्टाल लगाया हुआ था। मोहिंदर और उसकी पत्नी संगीता अपनी माह की बच्ची के साथ ही स्टाल पर थे। बारिश के कारण सड़क पर काफी पानी भर गया था। गटर बंद होने के कारण पानी का स्तर ऊंचा हो गया। रविवार को बच्ची अचानक फिसलकर पानी में जा गिरी। संगीता के मुताबिक, बच्ची सड़क किनारे खड़े गहरे पानी में गिर गई। बच्ची को ढूंढने की कोशिश की तो पता चला कि वह पानी में बह गई थी। करीब एक आधे घंटे बाद बच्ची की लाश मिली।
अमृतसर में ओवरब्रिज गिरने से 11 घायल
पंजाब के अमृतसर में सोमवार देर रात बहुत बड़ा हादसा हो गया। यहां एक ओवरब्रिज गिर गया और मलबे के नीचे एक कार समेत कई मजदूर दब गए। अब तक 11 लोगों को निकाला जा चुका है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे का कारण बारिश और लापरवाही बताया जा रहा है। घायल मजदूरों में झारखंड के जगन्नाथ, भुवनेश्वर, विजय, सनिया, रितेश, दुर्गेश, चंदन और भूषण सिंह शामिल हैं। मलबे के नीचे एक कार भी दब गई, जिसमें सवार हरदीप सिंह, उसकी बेटी और ड्राइवर को निकाला गया।
कॉलेज बस पानी में बही, छात्राएं बचीं
टांडा उड़मुड़ में मूसलाधार बारिश के कारण टांडा के गांव झावां में कन्या महाविद्यालय जालंधर की बस पानी के तेज बहाव में बह गई। बस में सवार सभी छात्राओं और ड्राइवर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। जानकारी के अनुसार यह कालेज बस रोजाना की तरह छात्राओं को लेने के लिए गांव झावां जा रही थी। रास्ते में पानी का बहाव तेज होने के कारण बस पानी में बह गई। ग्रामीणों का इसका पता चला तो उन्होंने ड्राइवर केवल सिंह और 7-8 छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
कपूरथला में छह घरों की छतें गिरीं, तीन की मौत
जबकि वह खुद, उसकी पत्नी काजल, 15 वर्षीय बेटी सोनिया, 7 वर्षीय बेटा ओमप्रकाश और पांच वर्षीय बेटी लक्ष्मी जख्मी हो गए। दूसरा हादसा गांव बूटां में हुआ, जहां पर छत गिरने से 24 वर्षीय गुरमीत सिंह की मौत हो गई। तीसरी घटना मोहल्ला जट्टपुरा की है। जहां पर छत गिरने से हरजीत कौर व उसके बेटे हरप्रीत सिंह व आकाशदीप जख्मी हो गए। चौथा हादसा मोहल्ला मलकाना में हुआ। जहां पर छत गिरने से अपने बच्चों अखिल, आकाश, अमृता के साथ सो रही रंजू बाला घायल हो गई। इसी प्रकार गांव सिधवां दोनां की गुरविंदर कौर और गांव नवां पिंड भट्ठा के नरेश कुमार छत गिरने से जख्मी हो गए।
बाढ़ की चपेट में आई स्विफ्ट, नवजात बच्चे सहित चार लोगों को बचाया
नंगल में मानासोवाल-खुरालगढ़ मुख्य मार्ग पर पड़ती खड्ड में सोमवार को एक स्विफ्ट कार तेज पानी के बहाव में फंस गई। कार में सवार नवजात बच्चे सहित चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। जानकारी के अनुसार गांव खुरालगढ़ निवासी बलविंदर सिंह निवासी नवां शहर के निजी अस्पताल में जन्मे अपने नवजात बेटे, पत्नी और दो बेटियों को साथ लेकर अपनी स्विफ्ट कार से गांव खुरालगढ़ वापस आ रहा था। मानासोवाल-खुरालगढ़ मुख्य मार्ग पर पड़ती खड्ड से जब वे निकलने लगे तो अचानक खड्ड में बाढ़ आ गई। पानी के तेज बहाव में कार बहने लगी तो परिवार कार से बाहर आ गया। लोगों ने रस्सों की मदद से कड़ी मशक्कत कर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। कार पानी के तेज बहाव में बह गई।
बारिश में कई ट्रेनें रद्द, कई के बदले रूट
मोगा में ड्रेन का पुल बहा
बारिश के कारण हरा चारा एवं सब्जियों के अलावा धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। निहाल सिंह वाला सब डिवीजन के अलग-अलग गांवों में खेतों में खड़ी धान और चारे की फसल डूब गई है। चंद्रभान ड्रेन के ओवर फ्लो होने के कारण मोगा-बरनाला मुख्य राष्ट्रीय मार्ग पर गांव हिम्मतपुरा के ड्रेन का आरजी पुल तेज रफ्तार पानी के बहाव में बह गया। मोगा-बरनाला राष्ट्रीय मार्ग को फोरलेन करने के दौरान गांव हिम्मतपुरा की सीमा पर बने ड्रेन के पुल को नया बनाने के लिए विभाग के अधिकारियों की ओर से पुराना पुल गिरा दिया गया। ठेकेदार की लापरवाही के कारण आरजी पुल बहुत ही घटिया किस्म का बनाया गया। पानी निकलने के लिए एक पतली पुली बनाई गई थी। बहाव में ड्रेन का यह आरजी पुल बह गया।
भाखड़ा, पौंग और रणजीत सागर की स्थिति संतोषजनक
बैठक में मौजूद बीबीएमबी के प्रमुख डीके शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि भाखड़ा जलाशय में स्थिति नियंत्रण में है और वे पौंग डैम में जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। जल संसाधन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने कहा कि पौंग बांध में इस समय जलस्तर अधिकतम 1390 फुट के मुकाबले 1385.12 फुट है जबकि भाखड़ा का जलस्तर अधिकतम 1680 फुट के मुकाबले 1655.49 फुट और रणजीत सागर बांध का जलस्तर अधिकतम 527.91 मीटर के मुकाबले 526.65 मीटर है।
घग्गर का जलस्तर खतरे के निशान के पास
सराला खुर्द के नजदीक घग्गर दरिया का जस्तर 14 फुट तक पहुंच गया है। खतरे का निशान 16 फुट पर खतरे का स्तर है। इसी तरह से टांगरी नदी 12 फुट के स्तर पर बह रही है। मीरांपुर चौ भी उफान पर है। कई गांवों में फसलें जलमग्न हो गई हैं। कितनी फसल पानी की भेंट चढ़ी इसका कोई अनुमान नहीं लगा पाया। न ही फसल के नुकसान की कोई आधिकारिक पुष्टि हुई है।
नहरों पर चौकसी, फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित
लगातार बारिश से पैदा हुए हालातों से निपटने के लिए डिप्टी कमिश्नर एमके अरविंद कुमार ने सोमवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। डीसी ने नहरों में पानी की सप्लाई बंद करने के निर्देश दिए और सिंचाई विभाग को सरहंद फीडर नहर की चौकसी करने की हिदायत दी। डीसी ने देहाती विकास विभाग से कहौ गांवों के छप्पड़ों का पानी आबादी वाले क्षेत्रों में दाखिल न हो। उन्होंने जिलास्तरीय फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित कराया। कंट्रोल रूम का टेलीफोन नंबर 01633-260341 है। यह चौबीस घंटे चालू रहेगा।
उन्होंने जिले के लोगों से बारिश संबंधी सहायता के लिए इस नंबर पर संपर्क करने की अपील की है। इस मौके पर एसडीएम राजपाल सिंह, जिला माल अफसर अवतार सिंह, कार्यकारी इंजीनियर के नाल लाइनिंग उपकरनपाल सिंह, जिला पंचायत अफसर भी मौजूद थे। गौरतलब है कि पिछले 48 घंटों में मुक्तसर ब्लॉक में 68 एमएम, मलोट में 25.67, गिद्दड़बाहा में 12 और लंबी ब्लॉक में 26 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है।
बार्डर के कई गांवों में अलर्ट घोषित
जानकारी के अनुसार सतलुज दरिया में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दरिया में जलकुंभी काफी फैली हुई है और बढ़े जलस्तर के कारण जलकुंभी काफी नुकसान पहुंचा सकती है। कई सालों से दरिया की सफाई तक नहीं की गई है। इसके अलावा धुस्सी बांध की हालत भी बहुत नाजुक है। 1988 में धुस्सी बांध टूटने से फिरोजपुर में बाढ़ आ गई थी। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय हुसैनीवाला बार्डर के कई गांव दरिया से सटे हैं, जिनमें कभी भी बाढ़ आ सकती है। इसमें टिंडी वाला, चांदी वाला, गट्टी राजोके और कालू वाला आदि गांव शामिल है।
एडीसी गुरमीत सिंह ने सतलुज दरिया में जलस्तर बढ़ता देख सिंचाई व ड्रेनेज विभाग के अलावा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाई। बैठक में एडीसी ने सभी को आदेश दिए कि बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के इंतजाम पूरे किए जाए। जैसे मेडिकल सहूलियतें, खानपान वस्तु के भंडार, पशुओं का चारा, बिजली सप्लाई और ट्रांसपोर्ट आदि। बाढ़ से निपटने के लिए बीएसएफ, आर्मी, सिविल डिफेंस और समाजसेवी संस्थाओं का सहयोग ले। दरिया के किनारे बसे गांवों में जरूरत के मुताबिक फोर्स टीमें गठित करें।
कहां-कहां हुआ जान-माल का नुकसान
इससे पहले रविवार को लुधियाना के मुंडिया में रविवार को बारिश के बीच कार बेकाबू होकर स्ट्रीट लाइट के पोल से टकरा गई, जिससे दो लोगों की मौत हो गई। डाबा इलाके में एक डेयरी फार्म का लैंटर गिर जाने से मलबे में दर्जनों मवेशी दब गए।
अमृतसर जिले के अनगढ़ इलाके में रविवार को बारिश के चलते आरा फैक्ट्री की छत गिर गई। हादसे में मनजीत सिंह नामक व्यक्ति की मौत हो गई। मलबे में फंसे तीन लोगों को बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया।
नवांशहर के गांव चूहड़पुर में एक पौल्ट्री फार्म की छत गिर जाने से बाप-बेटे की मौत हो गई, वहीं महिला और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हैं। साथ ही मोगा में भी छत गिरने से एक व्यक्ति और उसकी बेटी की मौत हो गई। बरनाला के शैहणा में भी बारिश के कारण दीवार गिरने से 24 वर्षीय गीता की जान चली गई।
होशियारपुर में सुंदरनगर इलाके में चो (झील) का पानी घुस गया है। लगातार बारिश से चो उफान पर है और इसका पानी रिहायशी इलाके में घुस गया है। 200 के करीब घर पानी की चपेट में हैं। होशियारपुर में जहांखेला के पास एक मिनी बस पलट गई। इससे 12 यात्री घायल हो गए।