इस दिन से शुरु हो रहा है पितृ पक्ष, पितरों को याद करने से जीवन में होते है ये बड़े लाभ

हर साल भारत में पितृ पक्ष आने पर पितरों को पूजा जाता है। सभी लोग अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं। जिससे हमारे जीवन के सभी पाप खत्म हो जाते हैं। इस साल पितृ पक्ष 25 सितम्बर से लग रहें हैं। पितृ पक्ष

शास्त्रानुसार पितर पक्ष के 15 दिन पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध व तर्पण किया जाता है। ऐसा करने से पूर्वजों को संतुष्टि मिलती है। हिन्दू धर्म में आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा करने के लिए कहा गया है। श्राद्ध पक्ष में जिस तिथि पर पूर्वजों की मृत्यु होती है उस तिथि पर श्राद्ध किया जाता है।

इस साल श्राद्ध पक्ष 25 सितंबर से शुरु हो रहें हैं। इस दिन स्नान दान करने से पितरों को मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही इस दिन मध्यान्ह काल मे कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि मिलने के कारण प्रतिपदा का श्राद्ध व तर्पण सुबह 7 बजकर 41 मिनट से शुरु हो जाएगा।

पितृ पक्ष में द्वितीया का श्राद्ध 26 सितम्बर को 08 बजकर 24 मिनट से द्वितीया तिथि लगने के बाद किया जाएंगा।

-तृतीया तिथि का श्राद्ध 27 सितंबर के 08 बजकर 35 मिनट से तृतीया तिथि लगने के बाद किया जाएंगा।

थोड़े से उपाय से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान गणेश, कीजिए बस ये एक काम 

-चतुर्थी तिथि का श्राद्ध 28 सितम्बर को 8 बजकर 13 मिनट से चतुर्थी तिथि लगने के बाद किया जाएंगा।

-पंचमी तिथि का श्राद्ध 29 सितम्बर को 7 बजकर 24 मिनट से पंचमी तिथि लगने के बाद श्राद्ध किया जाएंगा।

-षष्ठी तिथि का श्राद्ध 30 सितम्बर को 6 बजकर 08 मिनट में लगने के बाद से षष्ठी तिथि का श्राद्ध किया जाएंगा।

-सप्तमी तिथि का श्राद्ध 1 अक्टूबर को सूर्योदय से लगने के बाद से सप्तमी तिथि का श्राद्ध किया जाएंगा।

-अष्टमी तिथि का श्राद्ध 2 अक्टूबर की सूर्योदय से अष्टमी तिथि लगने के बाद से श्राद्ध किया जाएंगा।

-नवमी तिथि का श्राद्ध 3 अक्टूबर को सूर्योदय के समय से नवमी तिथि लगने के बाद श्राद्ध किया जाएंगा।

-दशमी तिथि का श्राद्ध 4 अक्टूबर को सूर्योदय के समय से दशमी तिथि लगने के बाद से श्राद्ध किया जाएंगा।

एकादशी तिथि का श्राद्ध 5 अक्टूबर को सूर्योदय के समय से एकादशी तिथि लगने के बाद से श्राद्ध किया जाएंगा।

द्वादशी तिथि का श्राद्ध 6 अक्टूबर को सूर्योदय की पहली रात से दोपहर 2 बजकर 52 मिनट तक रहेगी इस समय में द्वादशी तिथि का श्राद्ध किया जाएंगा।

त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध 7 अक्टूबर को सूर्योदय की पहली रात से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहगी इस समय में श्राद्ध किया जाएंगा।

चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध 7 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 43 मिनट के बाद चतुर्दशी तिथि लगने के बाद श्राद्ध किया जाएंगा।

पितृविसर्जन 8 अक्टूबर को दिन में 10 बजकर 47 मिनट के बाद अमावस्या तिथि लगगी इस समय सर्व पैतृ अमावस्या का श्राद्ध किया जाएंगा। इस दिन जिन पितरों की मृत्यु तिथि का ज्ञात नहीं है उनका श्राद्ध किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button