एक बार फिर अयोध्या विवाद को लेकर आमने-सामने आए मौलाना जव्वाद और वसीम रिजवी
उन्होंने कहा कि सीबीसीआईडी जांच के दोषी वसीम रिजवी खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं। सत्ता के करीब बने रहने के लिए सियासी चालें चलने वालों को आरएसएस और भाजपा अच्छी तरह समझ रही हैं। इनका हश्र काफी बुरा होगा।
उधर, वसीम रिजवी ने कहा कि बाबरी ढांचे के बाबरी पक्ष के गवाह मौलाना कल्बे जव्वाद ने हमें और शिया वक्फ बोर्ड के सदस्यों को इस्लाम से खारिज कर दिया है, क्योंकि उनके अनुसार हम ईराक से बाबरी ढांचे के सिलसिले में एक शरारती तत्व द्वारा किए गए भ्रामक सवाल-जवाब (जिसको मौलाना कल्बे फतवा बता रहे हैं) को नहीं मानकर सुप्रीम कोर्ट से अपना हलफनामा जो राम मंदिर के निर्माण के संबंध में दिया था, वापस नहीं ले रहे हैं।
मौलाना जव्वाद को इस्लाम की कम मालूमात है, इसलिए वे प्रश्नोत्तरी को फतवा मानकर हमें इस्लाम से खारिज कर रहे हैं। इस्लाम से किसी को भी खारिज करने का अधिकार दुनिया में किसी को नहीं है। चाहे कोई भी मुसलमान कितना ही बड़ा गुनहगार क्यों न हो। वसीम ने कहा कि मौलाना कल्बे का खुद का आचरण शक के घेरे में है। उन पर तमाम कार्यवाहियां चल रही हैं जिसमें वक्फखोरी भी शामिल है।