श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच संसद निलंबित की

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने गुरुवार को एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए संसद सत्र को करीब एक महीने के लिए निलंबित कर दिया. देश में जारी राजनीतिक संकट के बीच यह कदम उठाया गया. हालांकि अभी तक इस फैसले के पीछे कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है. श्रीलंका फ्रीडम पार्टी ( एसएलएफपी ) और यूनाइटेड नेशनल पार्टी ( यूएनपी ) की गठबंधन सरकार उस वक्त संकट में पड़ गई थी जब पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की नई पार्टी ने फरवरी के स्थानीय चुनावों में दमदार जीत हासिल की थी. इस जीत को सत्तारूढ़ गठबंधन पर जनमत संग्रह की तरह देखा जा रहा है.

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संविधान के अनुच्छेद 70 द्वारा राष्ट्रपति को प्राप्त शक्तियों के आधार पर उन्होंने संसद स्थगित करने का फैसला किया. सिरिसेना ने 2066/43 नंबर वाले एक विशेष गजट में उल्लेख किया कि इस घोषणा के जरिए 12 अप्रैल की रात से संसद का सत्रावसान किया जाता है और संसद का अगला सत्र आठ मई 2018 से शुरू होगा. गौरतलब है कि संसद की बैठक 19 अप्रैल को होनी थी. इससे पहले आज सुबह सिरिसेना नीत एकता सरकार के छह मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था जिन्होंने कुछ समय पहले प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्ष में मत दिया था. (इनपुट भाषा से) 

 

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