भारत के इस बयान का चीन ने किया स्वागत, इस कदम से सुधर सकते हैं रिश्‍ते

आखिर चीन और भारत के रिश्‍तों की जमी बर्फ गर्मियों का मौसम आने के साथ ही पिघलना शुरू हो गई है. चीन ने सोमवार को भारत के इस बयान को सकारात्मक बताते हुए इसका स्वागत किया कि भारत बीजिंग से रिश्ते बढ़ाने और परस्पर सम्मान के आधार पर आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार है. बता दें कि पिछले सप्ताह भारत-चीन संबंधों पर एक सकारात्मक रुख जताते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि दोनों देशों को मतभेद दूर कर परस्पर विश्वास बढ़ाना चाहिए. वांग ने कहा था ‘चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को साथ में नृत्य करना चाहिए, युद्ध नहीं.’ बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री निर्मला सीतारमण भी अगले माह चीन की विदेश यात्रा पर जा रहीं हैं.

भारत सम्मान के साथ मतभेद निपटाने का इच्‍छुक

भारत ने भी चीन के विदेश मंत्री के बयान पर ऐसी ही सकारात्‍मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह परस्पर सम्मान और एक दूसरे के हितों, चिंताओं और आकांक्षाओं की संवेदनशीलता के आधार पर मतभेदों से निपटते हुए आपसी संबंध विकसित करने का इच्छुक है.

हमने भारत के सकारात्‍मक बयान देखें हैं-चीनी विदेश

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वांग के बयान पर भारतीय प्रतिक्रिया पर बीजिंग की राय पूछने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, ‘हमने भारत की तरफ से दिए गए सकारात्मक बयान देखे हैं. आपने विदेश मंत्री यी के पिछले सप्ताह के बयान पर गौर किया होगा, जिसमें उन्होंने भारत-चीन संबंधों को लेकर बात की थी. उन्होंने भारत के साथ संबंधों को लेकर चीन की बुनियादी स्थिति के बारे में बताया था.’

73 दिन तक डोकलाम में दोनों की सेनाएं थी आमने- सामने

पिछले साल भारत-चीन सीमा पर डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के आमने-सामने आने पर भारत-चीन संबंधों में दरार आ गई थी. दोनों देशों की सेनाओं के 73 दिन आमने-सामने डटे रहने के बाद पिछले साल अगस्त में ब्रिक्स सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से पहले यह विवाद शांत हुआ था. मोदी ने सम्मेलन से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर दोनों देशों के संबंधों में सुधार लाने की पहल की थी. इसके बाद दोनों देशों ने आपसी संबंध सुधारने की कोशिश की है.

ये भारत के लिए प्रमुख मुद्दे

पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगवाने की भारत की कोशिश और परमाणु आपूर्ति समूह में भारत के प्रवेश के लिए चीन का विरोध और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बीजिग की सड़क परियोजना भारत के चिंता के मुख्य मुद्दे रहे हैं. 

 
 
 
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