OMG: सिग्नल के भिखारी भी पहचानते थे श्रीदेवी की कार, ये थी वजह
फिल्मी पर्दे पर अपनी खूबसूरती से सभी को दीवाना बनाने वालीं बॉलीवुड की ‘चांदनी’ श्रीदेवी को नम आंखों से बॉलीवुड समेत फैंस ने विदाई दे दी है. अब बस उनकी यादें बची हैं. हाल ही में सीनियर जर्नलिस्ट जयप्रकाश चौकसे ने श्रीदेवी से जुड़ी कई अनजानी यादें एक वेबसाइट के कॉलम में साझा की. उन्होंने बताया कि एक दिन बोनी कपूर से मुलाकात करने मैं उनके घर गया. देर शाम वापसी के दौरान मुझे एयरपोर्ट पहुंचना था. इत्तेफाक से उस दिन बोनी कपूर की कार खराब थी, तो श्रीदेवी जी ने अपनी कार ड्राइवर के साथ एयरपोर्ट के जाने को कहा.
जैसे ही कार से निकल किसी सिग्नल पर रुकती तो वहां कई किन्नर कार को घेर लेते. फिर मुझे कार में बैठा देख हैरान होते. ऐसा कई बार हुआ, उनकी बातचीत से मुझे मालूम चला कि श्रीदेवी हमेशा इन लोगों से मिलती और और पैसे दिया करती थीं. श्रीदेवी को उन लोगों से लगाव था. वो उनके लिए बेहद सहानुभूति रखती थी. उन्होंने बताया कि एक बार बोनी कपूर ने सलीम-जावेद की लिखी मिस्टर इंडिया बनाने का निश्चय किया. उस समय तक अनिल कपूर की सितारा हैसियत बड़ी नहीं थी. ऐसी हैसियत नहीं थी कि अनिल कपूर के नाम पर उतनी महंगी फिल्म की लागत निकाली जा सके. आखिरकार उन्होंने श्रीदेवी को फिल्म में लेने का निर्णय लिया.
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फिल्म पर बातचीत करने के लिए बोनी कपूर चेन्नई गए. वहां श्रीदेवी से मुलाकात का निवेदन किया. तब श्रीदेवी की मां ने कहा कि आपको मुलाकात का समय कुछ दिनों बाद ही मिल सकेगा. आप अभी इंतजार कीजिए.इसके बाद अजब संयोग बना कि श्रीदेवी के साथ बोनी कपूर ने सात फेरे भी लिए. इसके बाद बोनी कपूर चेन्नई के एक होटल में रुक गए. और दो-तीन दिन तक बेकरारी से इंतजार किया, लेकिन कोई खबर नहीं आई. तो बोनी कपूर आधी रात के बाद श्रीदेवी के बंगले के चक्कर काटते थे.