पढ़िए श्रीदेवी का ऐतिहासिक इंटरव्यू जब उन्होंने ने कहा- मैं साड़ी पहनकर भी सेक्सी लगती हूं
रील लाइफ में अपने ग्लैमर से कई पीढ़ियों को मोहित करने वाली सुपरस्टार श्रीदेवी रियल लाइफ में काफी सरल और कुछ हद तक रिजर्व थीं. साल 1987 में श्रीनगर में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने इंडिया टुडे के राज चेंगप्पा को अपना इंटरव्यू दिया था. यह वह दौर था, जब श्रीदेवी अपने करियर में काफी सफल हो चुकी थीं. हालांकि, तब भी उन्हें पार्टियों में जाना पसंद नहीं था और उनका सपना किसी ऑर्ट फिल्म में चरित्र भूमिका कर अपने एक्टिंग का लोहा मनवाने का था. पेश हैं इस खास इंटरव्यू के कुछ अंश-
आपकी छवि हिंदी सिनेमा की एक सेक्सी मोहक अदाकारा की बन गई है, इसके बारे में आपका क्या कहना है?
यह मुझे बहुत खराब लगता है. जब कोई मेरे पास आकर यह कहता है कि मैं किसी फिल्म में कितनी खूबसूरत लग रही हूं, तो मैं कुछ नहीं बोलती. लेकिन जब कोई यह कहता है कि मैंने अच्छी एक्टिंग की तो मुझे गर्व होता था.
लेकिन क्या आप सिर्फ इसलिए नंबर वन बन गईं, क्योंकि आप औरों से कुछ ज्यादा करने को तैयार रहती हैं?
यदि ऐसा होता तो जो ज्यादा अंग प्रदर्शन कर रहा है, वह नंबर वन होता. वे क्यों नहीं हैं? मैं यदि साड़ी पहनकर भी सेक्सी लगती हूं तो क्या कर सकती हूं? बहुत-सी लड़कियां काफी अंग प्रदर्शन करती हैं, लेकिन उनका कुछ असर नहीं होता.
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तमिल फिल्मों में वे मुझे स्वाभाविक एक्टिंग करते देखना पसंद करते थे. लेकिन हिंदी फिल्मों में लोग काफी ग्लैमर और मसाला चाहते हैं. मेरा दुर्भाग्य रहा कि मेरी हिंदी की पहली बड़ी हिट फिल्म व्यावसायिक सिनेमा (हिम्मतवाला) से थी. मैंने सदमा में कैरेक्टर रोल किया तो फिल्म फ्लॉप हो गई. तो लोग मुझे सिर्फ ग्लैमरस रोल के लिए साइन करने लगे. लेकिन एक दिन मैं सबको यह दिखाकर रहूंगी कि मैं अच्छी एक्टिंग भी कर सकती हूं.
क्या वह दिन जल्द आएगा?
हां, अब काफी कुछ बदल चुका है. मुझे यह समझ में आ गया है कि ग्लैमर महत्वपूर्ण है, लेकिन अश्लीलता नहीं. अब तो मेरे किसी अंग प्रदर्शन वाले शॉट करने का सवाल ही नहीं. मैं बिना मेकअप वाले ऑर्ट फिल्म करना पसंद करूंगी. अभी तक एक कलाकार के रूप में संतुष्ट नहीं हूं. मैंने अभी वह रोल नहीं किया, जिसके बारे में कह सकूं कि चलो मैंने कर दिखाया.
क्या आपको लगता है कि आप लंबे समय तक नंबर वन बनी रहेंगी?
मैं आजीवन तो नंबर वन नहीं रह सकती. लड़कियों के लिए तो यह समय और कम होता है. साल दर साल आगे अच्छा प्रदर्शन कर पाना मुश्किल होता है. मैं लोगों को यह मौका नहीं दूंगी कि वे मुझसे बोर हो जाएं. जब भी मुझसे युवा कोई आएगा, मैं फिल्में छोड़ दूंगी.
रियल लाइफ की श्रीदेवी कैसी हैं?
बहुत ही साधारण. मैं एक सामान्य व्यक्ति हूं. बहुत दिलचस्प नहीं. जैसे आपके आसपास की कोई बेटी. यहां तक कि सामान्य लड़कियों में भी थोड़ा स्टाइल होता है, लेकिन मेरे अंदर ऐसा कुछ नहीं है. आप असली श्रीदेवी को घर में देख सकते हैं. मुझे पार्टियों में जाना पसंद नहीं है. मैं अपने पेरेंट्स के साथ घर पर रहना पसंद करती हूं. मैं बहुत शर्मीली हूं और लोगों से घुलने-मिलने में कठिनाई महसूस करती हूं.
क्या आपके स्टारडम से जीवन में कोई असर पड़ता है?
इस स्टारडम की वजह से मुझे जिंदगी को सही ढंग से देखने का मौका नहीं मिलता. मैं साड़ी या कुछ और खरीदना चाहती हूं तो यह मुश्किल आती है. मैं शॉपिंग के लिए नहीं जाती. लेकिन अब मैं इसकी अभ्यस्त हो गई हूं.
क्या आप चरित्रों से आपके जीवन-शैली पर कोई असर पड़ा है?
मैंने फिल्मों में जो चरित्र निभाए हैं, वह मेरे व्यक्तिगत जीवन से बिल्कुल अलग हैं. इन चरित्रों को निभाने के तुरंत बाद इन्हें भूल जाती हूं.
निजी जीवन में आप काफी सरल हैं, लेकिन कैमरे पर बिल्कुल अलग दिखती हैं?
क्योंकि मैं बहुत प्रोफेशनल हूं. मैं किसी शॉट के लिए पहले से कोई तैयारी नहीं करती. मैंने एक्टिंग सीखी नहीं है, मुझे लगता है कि यह आपके अंदर होता है.
एक्टिंग बंद करने के बाद आप क्या करेंगी?
शादी करूंगी और घर बसाऊंगी. मुझे बच्चे बहुत पसंद हैं.