चहल की बॉलिंग को लेकर द. अफ्रीका के तूफानी बल्लेबाज हेनरिक ने दिया ये बड़ा बयान..
भारतीय टीम के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने जोरदार बल्लेबाजी की. मैच में उन्होंने 30 गेंदों पर 69 रन बनाए जिसमें तीन चौके और सात छक्के शामिल रहे. मैन ऑफ द मैच क्लासेन की इस पारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका सेंचुरियन टी20 मैच छह विकेट से जीतकर सीरीज में 1-1 की बराबरी करने में सफल रहा. अपनी इस पारी के दौरान क्लासेन ने टीम इंडिया के प्रमुख स्पिनर युजवेंद्र चहल को खास निशाना बनाया. उन्होंने अपने सात में से छह छक्के चहल की गेंदों पर ही लगाए. दक्षिण अफ्रीका इस बल्लेबाज ने कहा कि भले ही टीम के मेरे सहयोगी चहल की गेंदों को पढ़ने में नाकाम रहे हों लेकिन मुझे भारतीय टीम के इस लेग स्पिनर का सामना करना बेहद पसंद है.
वांडरर्स की तरह क्लासेन ने सेंचुरियन सुपर स्पोर्ट पार्क पर भी चहल के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाए. पारी के 13वें ओवर में उन्होंने चहल की गेंदों पर 23 रन बटोरे. चहल और कुलदीप यादव की स्पिन जोड़ी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के खिलाफ काफी सफल रही लेकिन क्लासेन ने उन्हें आसानी से खेला. क्लासेन ने चहल के बारे में कहा, ‘मुझे उसका (चहल) सामना करना पसंद है. जब मैं एमेच्योर क्रिकेट में था तब दो उपयोगी लेग स्पिनर हुआ करते थे. मैंने टाइटन्स (क्लासेन की घरेलू टीम) की तरफ से शान वान बर्ग का भी काफी सामना किया है.’
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उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा मजाक करते थे कि मुझे अन्य लेग स्पिनर का करियर बर्बाद करना चाहिए ताकि वह आगे बढ़ सके. कई बार ऐसा हो जाता था. आप जहां शॉट मारना चाहते हो वहां गेंद को हिट करके अच्छा लगता है. कल रात ऐसा हुआ.’वैसे, क्लासेन ने साफ किया कि चहल पर आक्रमण करना रणनीति का हिस्सा नहीं था. उन्होंने कहा, ‘यह रणनीति का हिस्सा नहीं था, लेकिन जिस तरह से उनके तेज गेंदबाजों ने गेंदबाजी की तो मैंने लेग स्पिनर के खिलाफ अपने मौके बनाए क्योंकि उसके खिलाफ मेरे पास अधिक विकल्प थे.’
क्लासेन ने दूसरे टी20 मैच के दौरान अपने अंदर का डर खत्म करने का श्रेय कप्तान जेपी डुमिनी को श्रेय दिया. इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि उनकी मैच विजेता पारी में कप्तान डुमिनी की भूमिका अहम रही. उन्होंने डुमिनी के साथ तीसरे विकेट के लिये 97 रन की साझेदारी की. क्लासेन ने कहा, ‘मेरी पारी में डुमिनी की भूमिका अहम रही. मैंने जो पहला या दूसरा ओवर खेला तो उसने मुझसे कहा कि इस ओवर में दस रन बनने चाहिए. डुमिनी ने कहा कि मैं अपना नैसर्गिक खेल खेलूं और गेंदबाजों पर हावी होकर बल्लेबाजी करूं. सौभाग्य से आज यह रणनीति चल गई. जिस तरह से जेपी ने मुझसे कहा कि इस ओवर में 20 रन बनने चाहिए, उससे मेरे अंदर का डर बाहर निकल गया. इसके अलावा चित शांत रखना भी जरूरी था. एक समय ऐसा था जब मैं अच्छे शॉट लगा रहा था.’