क्या आपको पता है युजवेंद्र चहल फील्डिंग के दौरान क्यों पहनते है चश्मा? पिता ने क्या खुलासा
दक्षिण अफ्रीकी दौरे में मेजबान टीम के लिए एक पहेली बन चुके टीम इंडिया के जादुई स्पिनर युजवेंद्र चहल फील्डिंग के वक्त चश्मा लगाए रहते हैं. लेकिन ये सनग्लास नहीं होता है. पहले टी20 में भी वह इस तरह का चश्मा लगाए दिखे. डेक्कन क्रॉनिकल (डीसी) की एक रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने अफ्रीका दौरे पर जाने से पहले इस चश्मे का इस्तेमाल शुरू किया है. युजवेंद्र चहल ने इसका इस्तेमाल एक स्पेशलिस्ट के कहने पर शुरू किया है.
अफ्रीका में जब उन्होंने मैचों में फील्डिंग के दौरान इसका इस्तेमाल किया तो उनके पिता से इस बारे में सवाल पूछा गया. इस पर उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जाने से पहले, चहल को कभी-कभी चश्मा पहनने की सलाह आई स्पेशलिस्ट द्वारा दी गई थी. वह इसे प्रिकॉशन के तौर पर पहनते हैं. हालांकि चहल सिर्फ फील्डिंग के दौरान इस चश्मे का उपयोग करते हैं. गेंदबाजी या बल्लेबाजी के समय नहीं.
चहल के पिता ने कहा, उसकी आंखें कमजोर नहीं हैं मगर जब वह नई नौकरी के लिए ज्वाइन करने गया तो सरकारी मेडिकल टेस्ट्स के दौरान उसे ऐसा करने की सलाह दी गई थी. चहल का आयकर कमिश्नर पद पर चयन हुआ है और वह इस दौरे (दक्षिण अफ्रीका) से लौटते ही दिल्ली में नौकरी ज्वाइन कर लेगा.”
पाकिस्तान के क्रिकेटर ने की आत्महत्या, खबर सुनकर टीम में शोक की लहर
वर्तमान टीम में चहल के अलावा और भी खिलाड़ी हैं, जो इस तरह के ग्लासेस (सनग्लासेस नहीं) लगाते हैं. इनमें टीम के कप्तान विराट कोहली, टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी ऐसे ग्लासेस लगाए दिखते हैं. हालांकि वह इस तरह के ग्लासेस फील्ड के बाहर ही लगाते हैं.
खेल के दौरान कुछ ही खिलाड़ी चश्मा लगाए नजर आए हैं. बल्लेबाजी के दौरान चश्मा लगाने वालों में भारत के वीरेंद्र सहवाग, वेस्टइंडीज के दिग्गज कप्तान क्लाइव लॉयड का नाम शामिल है. इसके अलावा एडी बार्लो, एमजेके स्मिथ, वाल्टर हैडली (रिचर्ड हैडली के पिता) और जेफ बायकॉट भी चश्मा लगाते रहे हैं. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली भी मैदान से बाहर चश्मा लगाते थे. गेंदबाजी की बात करें तो न्यूजीलैंड के दिग्गज स्पिनर डेनियल वेटोरी खेलते समय चश्मा लगाए रखते थे.