अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा फीस लेता था यह खलनायक, नाम जानकर यकीन नहीं होगा आपको
भारतीय फिल्म जगत में बहुत सारे ऐसे फिल्मी सितारे है जिन्होंने अपने अंतिम समय को काफी तकलीफदेह तरिके से गुज़ारी. आज हम इस पोस्ट के ज़रिये आपको एक ऐसे ही फिल्मी सितारे के बारे में बताने वाले है. अगर बॉलीवुड की बात करे तो बॉलीवुड की दुनिया में प्राण एक ऐसा नाम है, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से न केवल दुनिया को हंसने के लिए मजबूर किया, बल्कि विलेन बन कर दुनिया को खूब डराया भी है. जी हां हम बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर प्राण साहब की बात कर रहे है. जिनकी फिल्मो में की गयी बेहतरीन विलेन वाली भूमिका की मिसालें लोग आज भी देते है.
गौरतलब है कि आज प्राण साहब का 98 वा जन्म दिन है. यहां हम आपको बता दे कि प्राण साहब का जन्म बारह फरवरी 1920 को हुआ था. यानि आजादी से कई साल पहले ही वो इस दुनिया में आ चुके थे. प्राण साहब का जन्म दिल्ली के बल्लीमारान इलाके में हुआ था. वैसे बहुत कम लोगो को यह पता है कि बचपन में प्राण साहब का नाम प्राण कृष्ण सिकंद था.
हालाँकि, फिल्मो में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल कर सिर्फ प्राण कर लिया. दिल्ली में उनका परिवार पहले भी काफी समृद्ध था. प्राण साहब बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थे और खास कर गणित में वो काफी अच्छे थे. गौरतलब है कि उन्होंने रामपुर के राजा हाईस्कूल से बारहवीं की परीक्षा पास की थी.
वही प्राण साहब के बारे में ये रोचक बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि वो बड़े होकर फिल्म एक्टर नहीं बल्कि एक फोटोग्राफर बनना चाहते थे. मगर 1940 में जब लेखक मोहम्मद वली ने प्राण साहब को एक पान की दुकान पर खड़ा देखा, तभी उन्होंने प्राण साहब को अपनी फिल्म यमला जट में काम करने के लिए सेलेक्ट कर लिया. ऐसे में ये न केवल प्राण साहब की पहली फिल्म बनी बल्कि ये फिल्म काफी सुपरहिट भी रही.
लाहौर फिल्म इंडस्ट्री में एक विलेन के रूप में अपना नाम कमाने वाले प्राण साहब को बॉलीवुड इंडस्ट्री में पहला ब्रेक 1942 में खानदान फिल्म से मिला था. आपको बता दे कि इस फिल्म में उनकी एक्ट्रेस नूरजहां थी. गौरतलब है कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान देश के बंटवारे से पहले प्राण साहब ने करीब 22 फिल्मो में विलेन का किरदार किया था. इसलिए उस दौरान वो एक विलेन के रूप में काफी प्रसिद्ध हो चुके थे. हालांकि देश की आजादी के बाद उन्होंने लाहौर छोड़ दिया और मुंबई आकर बस गए. मगर उन्हें ये नहीं मालूम था कि मुंबई आने के बाद ही उनका असली संघर्ष शुरू होगा. मुंबई आने के बाद प्राण साहब को पहली बार फिल्म जिद्दी में काम करने का मौका मिला. हालांकि इस फिल्म में लीड रोल में देव आनंद और कामिनी कौशल थे.
आपकी जानकारी के लिए हम यहा आपको बता दे कि जिद्दी के बाद इस दशक की करीब सभी फिल्मो में प्राण साहब एक विलेन के रूप में एक दमदार करैक्टर बनकर ही उभर कर सामने आये. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 1955 में प्राण साहब ने आजाद, मधुमती, देवदास, दिल दिया दर्द लिया, राम और श्याम और आदमी आदि फिल्मो में दिलीप कुमार के साथ काम किया था.
इसके इलावा मुनीम जी और अमरदीप जैसी हिट फिल्मो में उन्हें देव आनंद के साथ काफी पसंद किया गया. आपको यह जान कर आपको काफी ताज्जुब होगा कि फिल्म जंजीर के लिए प्राण साहब ने फिल्म के निर्देशक प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया था. अब ये तो सब को मालूम है कि इस फिल्म ने किस कदर अमिताभ बच्चन का करियर पलट कर रख दिया था. हालांकि इस फिल्म के लिए देव आनंद और धर्मेंद्र दोनों ही मना कर चुके थे.
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प्राण साहब ने अमिताभ बच्चन की दोस्ती की खातिर इस फिल्म में शेर खान का किरदार भी निभाया था. हालाँकि, जंजीर के बाद प्राण साहब ने अमिताभ बच्चन के साथ डॉन, अमर अकबर अन्थोनी, मजबूर, दोस्ताना, नसीब, कालिया और शराबी जैसी कई बड़ी हिट फिल्मो में काम किया. यही सब वजह है कि प्राण साहब को उनके बेहतरीन अदाकारी के लिए तीन बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का अवार्ड भी मिल चुका है. इसके बाद 1997 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट का अवार्ड भी मिला था. यहाँ तक कि प्राण साहब को 2001 में भारत सरकार द्वारा न केवल पद्मश्री भूषण का अवार्ड मिला बल्कि इसी साल उन्हें दादा साहेब फाल्के का अवार्ड भी दिया गया.
प्राण साहब ने तक़रीबन तीन सौ पचास से भी ज्यादा फिल्मो में काम किया है. हालांकि इसके कुछ समय बाद से ही प्राण जी के हालत नाज़ुक होने लगी और तबियत भी खरब होने लगी उसके बाद वो कांपते पैरो की परेशानी की वजह से साल 1997 में व्हीलचेयर पर नजर आये थे. वही अगर उनकी पर्सनल लाइफ की बात करे तो उन्होंने शुक्ला आहलुवालिया से शादी की थी. जी हां उनके तीन बच्चे भी है. जिनमे से एक का नाम अरविन्द और दूसरे का नाम सुनील है और एक बेटी भी है जिसका नाम पिंकी है. गौरतलब है कि 1998 में प्राण साहब को दिल का दौरा पड़ा था. तब उनकी उम्र महज अठत्तर साल थी. मगर तब वो बच गए थे.
साल 2013 में प्राण साहब ने अपनी अंतिम साँस ली थी. तब उनकी उम्र तरेपन साल थी. आपको बता दे कि प्राण साहब ने फिल्म जगत में काफी लोगो की मदद की जिसमे अमिताभ बच्चन के इलावा राज कपूर भी शामिल है. वही प्राण साहब हर फिल्म के लिए भारी फीस भी लिया करते थे. जी हां यही वजह है कि उनकी फीस फिल्म में हीरो से भी ज्यादा होती थी. मगर राज कपूर की फिल्म बॉबी को प्राण साहब ने मात्र एक रूपये में ही साइन किया था. दरअसल तब राज कपूर बेहद ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. जिसके चलते प्राण साहब ने उनसे फीस नहीं ली.
अगर हम प्राण जी के लिए यहा सीधे शब्दों में कहे तो भल्ले ही वो परदे पर विलेन के रूप में दीखते हो मगर यह शख्स वास्तवीक जीवन में काफी महान थे.