जाकिर नाइक के खिलाफ नहीं जारी होगा रेड कॉर्नर नोटिस, NIA के सबूत नाकाफी

रिलीजियस लीडर जाकिर नाइक को पकड़ने की भारत कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। इंटरनेशनल एजेंसी इंटरपोल ने शनिवार को NIA की ओर से दिए गए सबूतों को नाकाफी बताते हुए नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील ठुकरा दी। इंटरपोल ने दुनियाभर में फैले अपने ऑफिसर्स को जाकिर का डाटा डिलीट करने के निर्देश दे दिए। बता दें कि जांच एजेंसी NIA ने जाकिर पर आतंक फैलाने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे चार्ज लगाए हैं। इसी सिलसिले में एजेंसी ने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी, ताकि उसे गिरफ्तार कर जांच के लिए भारत लाया जा सके।

फिर से अपील करेगा NIA

– भारतीय जांच एजेंसी NIA की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि जाकिर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस की रिक्वेस्ट डालने के दौरान चार्जशीट नहीं फाइल की गई थी। इसी के चलते इंटरपोल ने उनकी रिक्वेस्ट ठुकरा दी। हालांकि, अब मुंबई NIA कोर्ट में चार्जशीट डालने के बाद इंटरपोल को फ्रेश रिक्वेस्ट भेजी जाएगी।

पाकिस्तान में 25 दिसंबर को मां और पत्नी से मिल सकेंगे जाधव

जाकिर के स्पोक्सपर्सन ने किया था दावा

– न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रेड कॉर्नर नोटिस कैंसल होने की बात जाकिर नाईक के प्रवक्ता की ओर से कही गई थी। बयान के मुताबिक इंटरपोल ने अपने ऑफिसर्स को भी जाकिर की फाइल डिलीट करने के निर्देश दिए हैं।

कौन है जाकिर नाइक?

– जाकिर का जन्म मुंबई में 18 अक्टूबर 1965 को हुआ था।
– जाकिर ने एमबीबीएस किया है। वो एक मुस्लिम धर्मगुरु, राइटर और स्पीकर है।
– इसके अलावा वो इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन या आईआरएस का फाउंडर और प्रेसिडेंट है।
– फेसबुक पर उसके 1 करोड़ 14 लाख फॉलोअर हैं। नाइक पर यूके, कनाडा, मलेशिया समेत 5 देशों में बैन है।
– जाकिर के इस्लामिक फाउंडेशन को भारत और विदेशों से जकात के तौर पर भरपूर डोनेशन मिलता है। 
– जाकिर एक स्कूल भी चलाता है, जिसमें लेक्चर, ट्रेनिंग, हाफिज बनने की क्लास और इस्लामिक ओरिएंटेशन प्रोग्राम होते हैं।

क्यों हो रही जांच?

– इस साल 1 जुलाई को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक रेस्टोरेंट में आतंकी हमला हुआ था। इसमें 2 पुलिस ऑफिसर और 5 हमलावरों समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में यह भी बात सामने आई थी कि हमलावरों ने घटना के वक्त जाकिर नाइक की स्पीच का हवाला दिया था। इसके बाद ही नाइक और उसके एनजीओ विवादों में आ गए थे।

एनजीओ पर क्या हैं आरोप?

– आईआरएफ पर आरोप हैं उसे विदेशों से मिले चंदे का पॉलिटिकल यूज, धर्मांतरण के लिए इन्सपायर करने और टेरेरिज्म फैलाने के लिए यूज किया गया।
– मुंबई के चार स्टूडेंट्स जब आईएस में शामिल होने गए थे तब भी यह बात सामने आई थी कि वे जाकिर नाइक को फॉलो करते थे।
– आरोपों में घिरने के बाद होम मिनिस्ट्री ने आईआरएफ को मिलने वाले चंदे के सोर्स का पता लगाने का ऑर्डर दिया था। केंद्र सरकार ने नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर पांच साल का बैन लगा दिया। इससे पहले 2012 में पुलिस की परमिशन ना मिलने की वजह से जाकिर की पीस कॉन्फ्रेंस नहीं हो पाई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button