नोटबंदी व GST से नाराज है जनता, इसीलिए मोदी चुनावों में बहा रहे हैं पसीना
नोटबंदी की पहली वर्षगांठ 8 नवम्बर को निकट आ रही है, जिसे देखते हुए कांग्रेस ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर हमला तीखा कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर क्षेत्र में अनेक चुनावी रैलियों में भाग लेते हुए ऐलान किया कि नोटबंदी तथा जी.एस.टी. से जनता खुश नहीं है, जिस कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनावी राज्यों हिमाचल प्रदेश व गुजरात में पसीना बहाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल केन्द्र सरकार ने बिना सोचे नोटबंदी को लागू कर दिया जिसके बाद देश में अनेक मौतें हुईं, परन्तु फिर भी भाजपा सरकार को इसकी कतई चिन्ता नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उसके बाद केन्द्र ने एक और नासमझी वाला फैसला करते हुए जी.एस.टी. को लागू कर राज्यों को उनकी आमदनी से वंचित कर दिया।केन्द्र सरकार फैसले लेने से पहले सोचती नहीं है। अगर केन्द्र ने सही फैसले किए होते तो मोदी को दर-दर वोटों के लिए भटकना न पड़ता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार को यह भी चिन्ता नहीं है कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद छोटे कारोबारी अपना कारोबार कैसे चलाएंगे? छोटे कारोबारियों पर एक प्रकार से बोझ लाद दिया गया है। उन्हें चार्टर्ड अकाऊंटैंटों की सेवाएं लेने पर हजारों लाखों रुपए वाॢषक खर्च करने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से खफा लोगों ने पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा-अकाली गठबंधन को करारी हार देते हुए कांग्रेस को 77 सीटें जिताईं। गुरदासपुर में भी सुनील जाखड़ को लोगों ने जी.एस.टी. के चलते 1.93 लाख मतों के अंतर से जिताया।
कैप्टन ने कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह का यह अंतिम चुनाव है। वह स्वयं भी अपनी अंतिम पारी खेल रहे हैं। राजा वीरभद्र सिंह अपनी अंतिम पारी में अपने अधूरे कामों को पूरा करना चाहते हैं। आज हिमाचल विकसित हुआ है तो इसका श्रेय राजा वीरभद्र सिंह को जाता है, इसलिए हिमाचल की जनता को राजा वीरभद्र सिंह को रिटायरमैंट से पहले चुनावों में जीत का तोहफा देना चाहिए।