8 नवंबर को नोटबंदी के विरोध में लालू यादव अपनाएगे यह नया तरीका

बिहार में नोटबंदी के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय जनता दल (जेडीयू) 8 नवंबर को न केवल काला दिवस बल्कि श्राद्ध दिवस के रूप में मनाएगी. ये घोषणा ख़ुद पार्टी सुप्रीमो लालू यादव ने राँची में की है. लालू इन दिनों चारा घोटाले के विभिन्न मामलों की सुनवाई के सिलसिले में राँची में हैं. उन्होंने कहा कि बुधवार को नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर 18 दल के कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे. लालू का कहना है कि काला धन की वापसी पर मोदी सरकार आई लेकिन इसकी सारी घोषणा हवा हवाई हो गई.लालू यादव

लालू नोटबंदी पर ग़रीबों को हुई मुश्किलों को प्रमुख आधार बनाते हुए जनता को गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें इस बात का भरोसा है कि नोटबंदी से ऐसा कोई फ़ायदा नहीं हुआ जिसका जनता पर असर पड़े. हालाँकि जनता शुरू में इस मुद्दे पर चुप थी क्योंकि उसे ये भरोसा दिलाया गया था कि काला धन वाले लोगों के ख़िलाफ़ सरकार की इस कार्रवाई से आख़िरकार लाभ उन्हें ही मिलेगा.

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लेकिन इस मुद्दे से केंद्र की भाजपा सरकार को कितना लाभ हुआ या नहीं राजद अध्यक्ष लालू यादव को व्यक्तिगत नुक़सान काफ़ी उठाना पड़ा. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के आरोपों की माने तो नोटबंदी के चार दिन बाद लालू यादव ने अपनी बेनामी संपत्ति अपने और परिवार के लोगों के नाम जो कराने की कोशिश शुरू की उसी के चक्कर  में सरकार से जाना पड़ा और संपत्ति भी सारी ज़ब्त हो गई.

इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार का समर्थन कर न केवल लालू यादव से अपनी दूरी बनाई बल्कि आज भी नीतीश इसे सही क़दम मानते हैं. नीतीश कुमार ने ही सबसे पहले बेनामी संपत्ति पर चोट करने के लिए केंद्र से मांग की जिसका ख़ामियाज़ा लालू यादव को उठाना पड़ा.

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