PM मोदी ने बैंकों को दिया 2.11 लाख करोड़, क्या ऐसे आएंगे अच्छे दिन?
केंद्र सरकार ने बैंकिंग सेक्टर को बूस्ट देने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये के रिकैपिटलाइजेशन (पूर्नपूंजीकरण) लोन को मंजूरी दे दी है. इसमें 1.35 लाख करोड़ रुपये रिकैपिटलाइजेशन बॉन्ड के जरिये दिए जाएंगे. वहीं, 76 हजार करोड़ रुपये का बजटरी सपोर्ट और मार्केट लोन से मुहैया किया जाएगा.
बैंकों को मिलेगा बूस्ट
सरकार के इस फैसले से बैंकिंग सेक्टर को बूस्ट मिलेगा. बैंकिंग सेक्टर पहले से ही एनपीए को लेकर दबाव में है. हालिया डाटा के मुताबिक करीब 39 लिस्टेड बैंक हैं, जो 8.35 लाख करोड़ के एनपीए से घिरे हैं.
पीएसबी बैंकों को करेंगे मजबूत
वित्त सचिव अशोक लवासा ने प्रेस कांफ्रेंस में एक प्रजेंटेशन भी दिया. इसमें उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार का ज्यादा फोकस पब्लिक सेक्टर बैंकों की हालत सुधारने पर रहेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पीएसबी बैंकों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है.
पीएसबी के विकास पर है फोकस
उन्होंने बताया कि सरकार का फोकस इन्हें मजबूत करने के साथ ही इनका विकास करना है. इसके साथ ही सरकार की कोशिश इनके जरिये नए रोजगार पैदा करना है. प्रजेंटेशन के मुताबिक अभी पब्लिक सेक्टर बैंक्स बढ़े हुए एनपीए और कर्ज के तले डूबे हुए हैं.
एनपीए से दबाव में हैं बैंक
राजीव कुमार ने बताया कि बैंकिंग क्षेत्र की गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) काफी बढ़ी है. एनपीए मार्च 2015 में 2.75 लाख करोड़ रुपये के करीब था. यह जून में बढ़कर 7.33 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसमें से 1.75 लाख करोड़ रुपये की राशि से जुड़े 12 मामलों को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) को भेजा गया है।
बैंकों के प्रदर्शन के आधार पर मिलेगा फंड
रिकैपिटलाइजेशन के लिए दिया जाने वाला फंड देने से पहले कई चीजों को ध्यान में रखा जाएगा. इसके लिए बैंक का कारोबार, उसका लेंडिंग पैटर्न देखा जाएगा. इसके अलावा बैंक का प्रदर्शन और फंड को सही इस्तेमाल करने की उसकी क्षमता को देखकर ही फंड दिया जाएगा.
नोटबंदी से सुधरी है पीएसबी बैंकों की हालत : जेटली
इसी दौरान, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद पब्लिक सेक्टर बैंक मजबूत हुए हैं. उनकी कर्ज देने की क्षमता काफी मजबूत हुई है.
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उन्होंने कहा कि सार्वजनिक खर्च के मामले में आगे बढ़ना होगा. यह ढांचागत विकास पर हो रहे खर्च को बढ़ाने में मदद करेगा. जेटली ने कहा कि यह फैसला लिया गया है कि बैंकों को जरूरी पूंजी मुहैया कराने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे. इसी दिशा में अब सरकार काम करेगी.