आरुषि मर्डर केस में HC ने लिया ये अहम फैसला, किया दम्पति परिवार को…
नई दिल्ली. आरुषि मर्डर केस में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजेश-नूपुर तलवार को बेनिफिट ऑफ डाउट (संदेह का फायदा) देते बरी कर दिया। 2013 में सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपती को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फिलहाल 4 ऐसी अहम वजहें सामने आई हैं, जिनसे समझा जा सकता है कि तलवार दंपती को संदेह का फायदा मिला।
ये हैं वजहें…
वजह 1: सीबीआई ने बताया कि आरुषि-हेमराज की हत्या एक कमरे में हुई। बाद में हेमराज का शव छत पर ले गए।
जज का सवाल:अगर नौकर हेमराज की हत्या आरुषि के कमरे में ही की गई तो उसका ब्लड आरुषि के कमरे में क्यों नहीं मिला?
सीबीआई: हेमराज के सिर में जहां चोट लगी, वहां से तुरंत खून नहीं निकलता है। बाल भी घने थे जिससे खून रुक गया।
जज ने डॉक्टर को बुलवाया। सीबीआई को डेमो देने को कहा। उसे देख डॉक्टर ने कहा कि सिर में इतनी गहरी चोट के बाद खून गिरना ही चाहिए था। यानी हत्या कमरे में नहीं हुई है।
सीबीआई: हेमराज के सिर में जहां चोट लगी, वहां से तुरंत खून नहीं निकलता है। बाल भी घने थे जिससे खून रुक गया।
जज ने डॉक्टर को बुलवाया। सीबीआई को डेमो देने को कहा। उसे देख डॉक्टर ने कहा कि सिर में इतनी गहरी चोट के बाद खून गिरना ही चाहिए था। यानी हत्या कमरे में नहीं हुई है।
वजह 2: घटनास्थल पर सबसे पहले नौकरानी भारती आई थी। उसने पहले कहा था- जो समझाया गया वही बयान दे रही हूं।
जज का सवाल: भारती का असली बयान क्या था? इससे साफ होगा कि कातिल घटना के बाद भी घर में ही था या बाहर चला गया था।
सीबीआई: बयान लिखने में गलती हुई है। सही बयान था- “जो मुझे समझ में आया, वही बयान दे रही हूं।” पहली बार घटनास्थल पर पहुंचने का हमने वीडियो भी बनाया था।
जज ने दरवाजा बंद कर नौकरानी को चाबी देने का डेमो वीडियो दिखाने को कहा। पर सीबीआई पेश नहीं कर पाई।
सीबीआई: बयान लिखने में गलती हुई है। सही बयान था- “जो मुझे समझ में आया, वही बयान दे रही हूं।” पहली बार घटनास्थल पर पहुंचने का हमने वीडियो भी बनाया था।
जज ने दरवाजा बंद कर नौकरानी को चाबी देने का डेमो वीडियो दिखाने को कहा। पर सीबीआई पेश नहीं कर पाई।
वजह 3: सीबीआई ने कहा- हत्या के वक्त दरवाजा बंद था। चार में से दो की हत्या हुई। बचे दो ही हत्यारे हैं।
हाईकोर्ट में साबित हुआ- दरवाजा खुला था। बाहरी आ सकता था। शराब की बोतलें सबूत हैं।
हाईकोर्ट में साबित हुआ- दरवाजा खुला था। बाहरी आ सकता था। शराब की बोतलें सबूत हैं।
वजह 4: सीबीआई ने कहा- आरुषि पर सेक्सुअल असॉल्ट हुआ। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने गवाही दी है।
हाईकोर्ट में साबित हुआ- डॉक्टर ने सब्जेक्टिव फाइंडिंग के आधार पर राय दी। यह विचार है।
हाईकोर्ट में साबित हुआ- डॉक्टर ने सब्जेक्टिव फाइंडिंग के आधार पर राय दी। यह विचार है।
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टर्निंग प्वाइंट; सीबीआई के दावे को बचाव, पक्ष ने इन दलीलों से किया खारिज
– सीबीआई का दावा:
आरुषि के साथ हुआ था सेक्सुअल असॉल्ट। हेमराज को आरुषि के साथ आपत्तिजनक हालत में देखकर राजेश ने गुस्से में आकर मर्डर कर दिया था।
– बचाव पक्ष की दलील:
ऐसा साक्ष्य नहीं मिला, जिससे पता चले कि हेमराज की हत्या आरुषि के कमरे में हुई हो।
– महत्वपूर्ण साक्ष्य:
सीएफएसएल दिल्ली की रिपोर्ट में पता चला था कि आरुषि के तकिये, बेडशीट व गद्दे की जांच में हेमराज का कोई डीएनए या ब्लड नहीं पाया गया था।
– सीडीएफडी हैदराबाद के डीएनए एक्सपर्ट ने बताया कि कमरे से सिर्फ आरुषि का ही डीएनए मिला था।
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इमोशनल एक दलील पर कोर्ट में सभी भावुक हो गए
जब चरित्र पर सवाल उठा तो…
वकील की दलील: जज साहब, आप भगवान हैं। पर आपके ऊपर भी भगवान है। ये समझें कि वो महज 13 साल की ही थी। दे दीजिए हमें फांसी… पर दाग रह जाएगा। चरित्र पर पहले भी खूब बातें हुईं और अब फिर…।