रोडवेज की 80 फीसद बसों में जीपीएस खराब
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) लगाया गया है लेकिन 80 प्रतिशत बसों में ये सिस्टम काम नहीं कर रहा है।
परिवहन निगम ने दो वर्ष पूर्व अपनी सभी 7500 बसों में ये सिस्टम लगाया था और लखनऊ स्थित परिवहन मुख्यालय में जिस कंपनी को ये काम दिया गया है, उसने एक कंट्रोलरूम बना रखा है और इसी कंट्रोल रूम से एक-एक बस की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी लेकिन कुछ ही माह में ये सिस्टम ध्वस्त हो गया। जीपीएस सिस्टम का काम
ø कौन की बस कहां है
ø बस की गति क्या है
ø कितनी बसें डिपो से बस निकलीं।
ø कितने बजे बस अड्डा से रवाना हुई और कब पहुंची।
ø रास्ते में बस कहां-कहां कितनी देर रुकीं। प्राइवेट के भरोसे नैया
परिवहन ने एक प्राइवेट कंपनी ट्राइमेक्स को इलेक्ट्रानिक्स टिकट मशीन और जीपीएस सिस्टम का जिम्मा दे रखा है। इस कंपनी के पास ही सिस्टम की जानकारी है, परिवहन अधिकारी चाहकर भी नहीं देख सकते कि ये सिस्टम काम कर रहा है या नहीं। जीपीएस और ईटीएम मशीन के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी ट्राइमेक्स कंपनी के पास है। बसों की चेकिंग होती है, जिसमें जीपीएस सिस्टम खराब मिलता है, देखरेख करने वाली कंपनी ट्राइमेक्स से जुर्माना वसूला जाता है।
यात्री परेशान हुए तो दोषी को दंड मिलना तय
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) ने निर्देशित किया है कि गर्मी को देखते हुए बसों को बिल्कुल फिट रखें। यदि कोई बस रास्ते में खराब हुई और यात्री परेशान हुए तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। परिवहन विभाग के एमडी ने कानपुर समेत सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देशित किया है कि डिपो में कोई बस रुकनी नहीं चाहिए। यदि चेकिंग के दौरान डिपो में बस मिली तो सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, फोरमैन और सुपरवाइजर सीधे तौर पर जिम्मेदार माने जाएंगे। एमडी ने निर्देशित किया है कि सभी बसों की समयसारिणी ठीक करें और उन्हें समय पर चलायें।
मेंटीनेंस में कानपुर रीजन अव्वल
उत्तर प्रदेश की सभी रीजन में अपने कानपुर रीजन को बसों के मेंटीनेंस के लिए अव्वल माना गया है। क्षेत्रीय कार्यशाला के सेवा प्रबंधक इंजीनियर रमेश कुमार ने अव्वल स्थान को बरकरार रखने के लिए रविवार को विकास नगर, फजलगंज, उन्नाव, किदवई नगर, आजाद नगर, फतेहपुर डिपो के फोरमैन को बुलाकर उन्हें संकल्प दिलाया कि बसों का मेंटीनेंस में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।