36000 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के लिए कल का दिन बेहद अहम, आ सकता है ये बड़ा फैसला…

आखिरकार जेट एयरवेज के उबरने की सारी उम्मीदें खत्म हो गईं. SBI के नेतृत्व में 26 बैंकों के कंसोर्टियम ने अपने कर्ज के भुगतान के लिए IBC के तहत NCLT का दरवाजा खटखटाया. NCLT में इस मामले की पहली सुनवाई 20 जून को सुबह 11.30 बजे होगी. इससे पहले जेट एयरवेज के दो ऑपरेशनल क्रेडिटर्स पहले ही NCLT पहुंच चुके हैं. इस मामले की भी कल सुनवाई होगी. इनमें से एक क्रेडिटर की तरफ से जेट एयरवेज के खिलाफ एक अन्य मामला नीदरलैंड के कोर्ट में भी चल रहा है. बता दें, एयरलाइन पर करीब 8500 करोड़ रुपेय का कर्ज है. 17 अप्रैल से इसका ऑपरेशन बंद है.

जेट पर कर्मचारियों के 3000 करोड़ रुपये बकाया हैं
ऑपरेशन बंद होने के बाद बैंकों की तरफ से एक कार्यकारी कमेटी का गठन किया गया था. इसका गठन एयरलाइन को चलती हालत में बेचकर या निवेशक जुटाकर कर्ज को चुकाने के मकसद से किया गया था. बैंकों की तरफ से कई बार कोशिश की गई, लेकिन जेट एयरवेज को निवेशक नहीं मिले. बता दें, एयरलाइन पर बैंकों के कर्ज के अलावा माल और सेवाएं देने वालों का 10 हजार करोड़ रुपये और कर्मचारियों के वेतन का 3000 करोड़ रुपये का बकाया है. जेट एयरवेज के कर्मचारियों की संख्या 23,000 थी. पिछले कुछ सालों से जेट एयरवेज को काफी नुकसान हुआ. कंपनी का नुकसान करीब 13 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच चुका था. बैंकों और अन्य कर्ज को मिला दें तो एयरलाइन पर कुल कर्ज करीब 36000 करोड़ रुपये का है.

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जेट के बेड़े में अब केवल 16 विमान हैं

बेड़े में विमानों की बात की जाए, तो जेट एयरवेज के पास मात्र 16 विमान हैं जिनका मूल्य 5,000 करोड़ रुपये है. एयरलाइन के बेड़े में शेष 123 विमान पट्टे पर थे. भुगतान नहीं होने की वजह से इनका पंजीकरण रद्द हो चुका है और इन्हें वापस लिया जा चुका है. बंबई शेयर बाजार में मंगलवार को जेट एयरवेज का शेयर 41 प्रतिशत टूटकर 40.45 रुपये पर आ गया. दिन में कारोबार के दौरान एक समय यह 52.78 प्रतिशत के नुकसान से 32.25 रुपये पर आ गया था. 

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