महाभारत के 36 साल बाद हुआ था ये विचित्र युद्ध, जिसके अपने ही रहस्य हैं

मौसुल युद्ध ,श्रीकृष्ण के वंश का अंत: महाभारत का युद्ध अपने आप में बहुत विनाशकारी और भयानक था इस युद्ध में कौरवों का विनाश हो चुका था। दुर्योधन और उसके समस्त भाई इस युद्ध में मारे गये थे। इन सभी की मृत्यु के दुख के कारण दुर्योधन की माता गांधारी ने भगवान कृष्ण को शाप दे दिया था। गांधारी के उस शाप के चलते भगवान श्री कृष्ण के कुल के लगभग सभी पुरुष और स्त्रियों का नाश हो गया था।

आधुनिक शोध के अनुसार 3112 ईसा पूर्व श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। महाभारत के भयानक युद्ध के 35-36 वर्ष पश्चात भगवान कृष्ण ने देह छोड़ दी थी तभी से कलियुग का आरंभ माना जाता है।

भगवान कृष्ण की आठ पत्नियां थी जिनसे उनके 80 पुत्र प्राप्त हुए थे, इन आठ महिलाओं को अष्टा भार्या कहा जाता था। इनके नाम हैं:- अष्ट भार्या : कृष्ण की 8 ही पत्नियां थीं यथा- रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा। इन सभी महिलाओं से 10-10 पुत्रों का जन्म हुआ था। एक पुत्री भी थी जिसका नाम चारूमिता था।

कृष्ण कुल का नाश 

गांधारी के शाप के चलते भगवान श्री कृष्ण के कुल का नाश हो गया था। उल्लेखनीय है कि गांधारी ने यदुकुल या यदुवंश के नाश का शाप नहीं दिया था। मथुरा अंधक संघ की राजधानी थी और द्वारिका वृष्णियों की। ये दोनों ही यदुवंश की शाखाएं थीं। यदुवंश में अंधक, वृष्णि, माधव, यादव आदि वंश चला। श्रीकृष्ण वृष्णि वंश से थे। वृष्णि ही ‘वार्ष्णेय’ कहलाए, जो बाद में वैष्णव हो गए।

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